वाशिंगटन, 26 मार्च 2021

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अब उनका लक्ष्य राष्ट्रपति की हैसियत से काम करते हुए अपने पहले 100 दिनों में 20 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका देना है.

राष्ट्रपति बनने के बाद गुरुवार को अपने पहले आधिकारिक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उन्होंने इसकी घोषणा की.

बाइडन का कहना था, “आज मैं दूसरा लक्ष्य निर्धारित कर रहा हूं और वो यह है कि हमलोग अपने कार्यकाल के पहले 100 दिनों में 20 करोड़ लोगों को वैक्सीन देंगे.”

उन्होंने आगे कहा, “मैं जानता हूं कि यह महत्वाकांक्षी है, हमारे मूल लक्ष्य का दो गुना. लेकिन कोई दूसरा देश इसके क़रीब भी नहीं आ सका है जो हमलोग कर रहे हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि हमलोग यह कर सकते हैं.”

क़रीब एक घंटे तक चले प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बाइडन से कई मुद्दों पर सवाल पूछे गए लेकिन सबसे हैरानी वाली बात यह रही कि वहां मौजूद किसी भी पत्रकार ने राष्ट्रपति से अमेरिका में मौजूदा स्वास्थ्य संकट और कोरोना पर कोई सवाल नहीं किया.

इस बारे में बहुत से लोग सोशल मीडिया पर बात भी कर रहे हैं.

हफ़पोस्ट की वाशिंगटन ब्यूरो चीफ़ अमंडा तर्केल ने ट्विटर पर लिखा है, “आश्चर्य है कि कोरोना के बारे में एक भी सवाल नहीं.”

बीबीसी के उत्तरी अमेरिका के ब्यूरो चीफ़ पॉल डनेहर ने भी इस पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, “पाँच लाख (अमेरिकी) लोगों के मर जाने के बाद राष्ट्रपति के पहले प्रेस कॉन्फ़्रेंस में व्हाइट हाउस के पत्रकारों ने राष्ट्रपति से कोरोना के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा, जो कि अब भी अमेरिकी लोगों की ज़िंदगी को सबसे ज़्यादा प्रभावित कर रहा है. इससे बेहतर मिसाल पाना मुश्किल है कि पत्रकार आम लोगों के मुद्दों से कितने अनजान हैं.”

एक और पत्रकार टेड गेनोवेज़ ने ट्वीट किया, “हेडलाइन हासिल करने के लिए राष्ट्रपति को हां या ना में जवाब देने के लिए मजबूर करना और फिर उसके बाद आने वाले चुनावों के बारे में पूछना पत्रकारों के घोड़ा दौड़ में शामिल होने की बुरी आदत को दर्शाता है. हमलोग अभी भी महामारी के बीच में हैं और ग्रेट डिप्रेशन के बाद अर्थव्यवस्था सबसे बुरी हालत में है और आप जानना चाहते हैं कि 2024 के चुनाव में राष्ट्रपति बाइडन का रनिंग मेट ( उपराष्ट्रपति पद के लिए) कौन होगा?”

इस दौरान बाइडन से अमेरिकी सीमा ख़ासकर अमेरिकी-मेक्सिको बॉर्डर के पास प्रवासियों की बढ़ती संख्या के बारे में भी सवाल पूछे गए.

बाइडन ने दक्षिणी सीमा पर बढ़ती मानवीय संकट के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ज़िम्मेदार ठहराया.

उनका कहना था, “सच्चाई यह है कि कुछ भी नहीं बदला है. वो (प्रवासी) यहां(अमेरिका) आ रहे हैं उसका कारण यह है कि इस समय यात्रा के दौरान रास्ते में रेगिस्तान की गर्मी से मरने की सबसे कम आशंका है.”

उन्होंने इसे चक्रीय घटना क़रार दिया. बाइडन ने कहा कि प्रवासियों के देश के हालात, प्राकृतिक आपदा, वहां अपराध और आर्थिक मौक़े की कमी के कारण लोग ज़्यादा संख्या में अमेरिका में दाख़िल होने की कोशिश कर रहे हैं.

अमेरिका की कस्टम और सीमा सुरक्षा एजेंसी के अनुसार जनवरी में 78,442 और फ़रवरी में 100,441 लोगों को सीमा पर पकड़ा गया है.