वाशिंगटन, 19 मार्च 2021

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secretary of State Antony Blinken) ने शुक्रवार को चीन के शीर्ष राजयनिकों से साफ तौर पर कहा कि उसके कदम नियमों पर आधारित उस व्यवस्था के लिए खतरा हैं जो वैश्विक स्थिरता बनाए रखती है. अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन (Jo Biden) के पदभार संभालने के बाद अमेरिका और चीन (America and China) के शीर्ष अधिकारियों की आमने-सामने हुई पहली बैठक में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के प्रति और दुनिया को लेकर बिल्कुल विरोधाभासी विचार रखे.

अलास्का के एंकरेज में चल रही अमेरिका-चीन वार्ता में ब्लिंकन ने कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए मुद्दे न केवल दोनों देशों के लिए प्रासंगिक है बल्कि क्षेत्र और निश्चित तौर पर दुनिया के अन्य देशों के लिए भी प्रासंगिक हैं. ब्लिंकन ने कहा कि बाइडन प्रशासन अमेरिका के हितों को मजबूत करने और नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए कूटनीति के साथ नेतृत्व करना चाहता है. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवान (Jack Sullivan) भी शामिल हुए.

उन्होंने कहा कि यह बैठक घरेलू और वैश्विक दोनों प्राथमिकताओं पर चर्चा का अवसर है ताकि चीन बाइडन प्रशासन की मंशाओं और रुख को बेहतर तरीके से समझ सकें. अमेरिका और चीन के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं. दोनों देशों के बीच व्यापार, दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक सैन्य कदमों और हांगकांग तथा शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों समेत कई मुद्दों पर टकराव चल रहा है.

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवान ने अलास्का के एंकरेज में चीन के अपने समकक्षों वांग यी और यांग जिएची से मुलाकात की. ब्लिंकन ने कहा, ‘‘हम शिनजियांग, हांगकांग, ताइवान में चीन की कार्रवाई, अमेरिका पर साइबर हमले और हमारे सहयोगियों को आर्थिक रूप से मजबूर करने पर भी चर्चा करेंगे.”

उन्होंने कहा, ‘‘इन कदमों से नियमों पर आधारित व्यवस्था को खतरा पहुंचता है जो वैश्विक स्थिरता बरकरार रखती है. इसलिए यह महज आंतरिक मसले नहीं हैं और इसी वजह से हम आज इन मुद्दों को यहां उठाना जिम्मेदारी समझते हैं.”
वहीं, यांग ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि चीन कुछ देशों द्वारा पैरवी की गई तथाकथित ‘‘नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था” को नहीं मानता.

उन्होंने कहा, ‘‘चीन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय जिसका पालन करता है वह संयुक्त राष्ट्र केंद्रित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था है, न कि कुछ देशों की तथाकथित ‘‘नियम आधारित” अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था.’ यांग ने कहा कि चीन का मानना है कि अमेरिका के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह पहले अपनी छवि बदले और बाकी दुनिया में अपने लोकतंत्र को लागू करने से रोके.

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में कई लोगों का असल में अपने देश के लोकतंत्र पर ज्यादा भरोसा नहीं है और उनके अमेरिकी सरकार को लेकर विभिन्न विचार हैं. वहीं, चीन में नेताओं को चीनी लोगों का व्यापक समर्थन प्राप्त है.”
यांग ने कहा कि चीन अपने देश के आंतरिक मामलों में अमेरिका के हस्तक्षेप का कड़ा विरोध करता है. इस पर सुलीवान ने कहा कि वाशिंगटन, चीन के साथ टकराव नहीं चाहता लेकिन ‘‘हम अपने लोगों तथा अपने मित्रों के सिद्धांतों के लिए हमेशा खड़े होंगे.”