नई दिल्ली, 10 जून 2021

दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्मॉग टॉवर स्थापित किया जा रहा है। हवा को शुद्ध करने के लिए स्मॉग टावर लगाने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य है। 20 करोड़ रुपए की लागत से लगाए जा रहे स्मॉग टॉवर का काम 15 अगस्त तक पूरा होगा। विशेषज्ञ इसके परिणामों का अध्ययन करेंगे। स्मॉग टॉवर ऊपर से प्रदूषित हवा को खींचेगा और हवा को शुद्ध कर 10 मीटर की ऊंचाई पर छोड़ेगा। दिल्ली पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को इस स्मॉग टॉवर के कार्य का निरीक्षण किया। मंत्री ने कहा कि हवा को शुद्ध करने के लिए स्मॉग टावर लगाने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य है।

उन्होंने कहा कि स्मॉग टावर को बनाने में डीपीसीसी के साथ आईआईटी मुम्बई, एनबीसीसी और टाटा प्रोजेक्ट संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। यह पहला पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा, तो दिल्ली में इस तरह के और भी स्मॉग टावर लगाए जाएंगे।

स्मॉग टॉवर का निरीक्षण करने के उपरांत पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण के खिलाफ 10 सूत्रीय एक्शन प्लान को लेकर युद्ध स्तर पर काम हो रहा है। इसमें एंटी डस्ट कैंपेन, वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, दिल्ली के अंदर इलेक्ट्रिक बसों को लाने का अभियान आदि शामिल है।

इसी तरह, पराली की समस्या से निपटने के लिए बायो डीकंपोजर का इस्तेमाल और दिल्ली के अंदर प्रदूषित ईंधन को बदलने का काम चल रहा है। साथ ही, दिल्ली के अंदर बड़े स्तर पर वृक्षारोपण किया जा रहा है। इस तरह, दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली में लगातार काम कर रही है।

स्मॉग टावर की ऊंचाई लगभग 25 मीटर है। यह स्मॉग टावर प्रति सेकेंड एक हजार घन मीटर हवा को शुद्ध करके बाहर निकालेगा।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस तरह का स्मॉग टावर चीन में लगाया गया है, लेकिन चीन की तकनीक और हमारे इस स्मॉग टावर की तकनीक में थोड़ा फर्क है। हम जो स्मॉग टावर लगा रहे हैं, इसमें अमेरिकी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। चीन में जो स्मॉग टावर लगा है, वह नीचे से वह हवा खींचता है और ऊपर से छोड़ता है। जबकि हम जो स्मॉग टावर लगा रहे हैं, उसमें हवा खींचने की प्रक्रिया उलट है। यह ऊपर से प्रदूषित हवा को खींचेगा और हवा को शुद्ध कर नीचे छोड़ेगा।

इसमें चारों तरफ 40 पंखे लगे हैं, जो वायु को शुद्ध कर 10 मीटर की ऊंचाई पर छोड़ेंगे। अनुमान है कि इसका एक वर्ग किलोमीटर तक प्रभाव वह रहेगा, जिससे हवा के अंदर जो पीएम-2.5 और पीएम-10 यानी जो प्रदूषित हवा है, उसको साफ किया जा सकता है।

दिल्ली सरकार का यह काफी बड़ा प्रोजेक्ट है। इसकी सफलता को लेकर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। 15 अगस्त के बाद इसको चालू किया जाएगा। विशेषज्ञ इस टावर के परिणामों का अध्ययन करेंगे और दिल्ली सरकार इसकी सफलता के आधार पर आगे की रणनीति बनाएगी।