गोरखपुर, 24 सितम्बर 2021

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले की सरकारों में आतंकवादियों के मुकदमे वापस होते थे लेकिन आज आतंकियों के महिमामंडन की हिम्मत कोई नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की 52वीं व गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 7वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिली सफलता से सभी वाकिफ हैं। उनके मार्गदर्शन में गृह मंत्री ने ²ढ़ता से कश्मीर से धारा 370 को समाप्त किया। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में प्रताड़ित हिंदुओं व सिखों को कानून बनाकर नागरिकता दी। कहा कि ये सब हमारे हैं। देश के बाहर संकट में फंसे भारतीयों का इस सरकार ने हाथ फैलाकर स्वागत किया। पहले की सरकारें ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पातीं थीं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में बन रहे मंदिर, अयोध्याधाम के विकास व यहां आयोजित होने वाले दीपोत्सव का भावनात्मक उल्लेख करते हुए कहा कि अब अयोध्या सप्तपुरियों में पहली पुरी बन गई है। वहां के दीपोत्सव में एक-एक संत की भावना परिलक्षित होती है। जो संत अब भौतिक शरीर में नहीं हैं, वह भी सूक्ष्म शरीर से इसे देखकर प्रसन्न होते हैं। देश ही नहीं दुनिया भी इसके भव्यता और दिव्यता की कायल है।

कहा कि अयोध्या के श्रीराम मंदिर को लेकर गोरक्षपीठ के समर्पण को सब जानते हैं। जब मैं अयोध्या में होता हूं तो लगता ही नहीं कि गोरखपुर में नही हूं। 1947 में देश आजाद हुआ और 1949 में जन्मभूमि पर श्रीरामलला का प्रकटीकरण हो जाता है। उस दौरान वहां के मूर्धन्य संतों को गोरक्षपीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ का संरक्षण प्राप्त था। परमहंस जी ने महंत दिग्विजयनाथ की ही प्रेरणा से श्रीरामलला के मुकदमे को आगे बढ़ाया। महंत दिग्विजयनाथ के अभियान को ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ विस्तारित करते रहे। गोरक्षपीठ व संतों के नेतृत्व में अयोध्या के लिए क्या-क्या संघर्ष करना पड़ा।

योगी ने अपने संबोधन में प्रयागराज के भव्य व दिव्य कुंभ के आयोजन का उल्लेख करते हुए कहा कि जितनी यूपी की आबादी है, उससे अधिक श्रद्धालु कुंभ में आए। अमूल्य धरोहर के रूप में प्रयागराज कुंभ को यूनेस्को से मान्यता मिली। कहा कि आज यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदली है जबकि पहले कुछ शहरों में यूपी के नाम पर लोगों को कमरा नहीं मिलता था। उन्होंने कहा कि यूपीवासी प्रभु श्रीराम, श्रीकृष्ण, काशी विश्वनाथ, गुरु गोरखनाथ, महात्मा बुद्ध, संतकबीर के प्रतिनिधि हैं और इस पर गर्व की अनुभूति करनी चाहिए।