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मुंबई में सोमवार से हो रही बारिश से सड़कें पूरी तरह से भर गईं हैं। मौसम विभाग ने मुंबई और इसके आसपास के इलाकों में अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी दी है। राज्य सरकार ने शहर में बुधवार को रेड अलर्ट जारी कर दिया है। सीएम ने लोगों से घरों में रहने की अपील की है। सोमवार सुबह 8 बजे से मंगलवार सुबह तक करीब 152 मिमी बारिश हुई। जबकि मंगलवार को नौ घंटे में 298 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने बताया कि राज्य सरकार का आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर नजर रखे हुए है। केंद्र की तरफ से एनडीआरएफ की 10 टीमें मुंबई भेजी गई है।

NDRF के निदेशक संजय कुमार ने बताया कि, NDRF की टीम लगातार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं। जहां हालात ज्यादा खराब हैं वहां टीमों को भेजा जा रहा है। एनडीआरएफ के अलावा केंद्रीय आपदा प्रबंधन विभाग भी मुंबई पर नजर बनाए हुए है।

बारिश में मुंबई की लोकल ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है। रातभर ठप रहने के बाद हार्बर लाइन और सेंट्रल लाइन शुरू हो गई हैं। वेस्टर्न रेल रूट पर ट्रेनें शुरू हो गई हैं। सेंट्रल रेलवे रूट पर भी कुर्ला से डोंबीवली के बीच लोकल चल रही है। मेट्रो सर्विस भी वर्सोवा और घाटकोपर के बीच शुरू हो चुकी है। वहीँ मौसम विभाग के डीडीजी केएस होसलीकर ने कहा कि अगले कुछ घंटों तक मुंबई में बारिश नहीं होगी, क्योंकि बादल उत्तर की तरफ चले गए हैं।

स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद 
आज स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे, जबकि शेयर बाजार खुले रहेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है।

भूस्खलन को लेकर अलर्ट जारी
मुंबई और ठाणे में भूस्खलन को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। पुणे स्थित सेंटर फॉर सिटिजन साइंस (सीसीएस) ने भूस्खलन को लेकर चेतावनी जारी की है। इसके अनुसार, अनूप हिल, घाटकोपर (पश्चिम), कल्याण (पूर्व), विरार, जिबर्ट हिल, चेंबूर, पंजारपोल, नकाडीपाड़ा, बांदी और ठाणे एवं मुलुंड इलाके में भूस्खलन हो सकता है।

26 जुलाई 2005 की आई याद
मुंबई में चल रहे हालात ने 26 जुलाई 2005 की याद दिला दी है। उस दिन भारी बारिश के चलते सड़क के बीच हजारों लोग रातभर फंसे रहे थे। 26 से 27 जुलाई तक एक दिन में मुंबई में 94 सेमी (944 मिमी) बारिश हुई थी। गाड़ियों में सफोकेशन और अन्य वजहों से करीब 500 लोगों की मौत हुई थी। बीएमसी को 12 साल बाद इमरजेंसी अलर्ट जारी करना पड़ा। मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल केजे रमेश ने कहा कि, अभी 26 जुलाई 2005 जैसे हालात नहीं हैं।