Arun Jaitly

वस्तु एवं सेवा कर (GST) पर केंद्र सरकार की लगातार आलोचना हो रही है। इन्हीं आलोचनाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार अब छोटे व्यापारियों को दिवाली तोहफा दिया है। जी हां कल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री अरुण जेटली और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच सभी चिंताओं को लेकर जीएसटी काउंसिल बैठक हुई थी।

छोटे व्यापारियों को मिली बड़ी राहत-
आपको बता दें कि GST काउंसिल से छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है। छोटे व्यापारियों को मासिक रिटर्न में छूट। जी हां अब 1.5 करोड़ तक के टर्न ओवर वाले अब दाखिल करेंगे मासिक रिर्टन के स्थान पर तिमाही रिटर्न। बता दें कि इससे पहले जो व्यापारी 75 लाख रुपये तक टर्नओवर भरते थे। उन्ही व्यापारियों को हर महीने रिटर्न भरना होता थे। लेकिन अब 1.5 करोड़ टर्नओवर वाले व्यापारी मासिक रिटर्न की जगह 3 महीने में जीएसटी भरेंगे। वहीँ ट्रेडिंग करने वाले व्यापारी 1% टैक्स, मैन्यूफैक्चर्रस वाले 2% टैक्स और रेस्टोरेंट बिजनेस वाले 5% टैक्स के दायरे में आएंगे।

कंपोजीशन स्कीम का दायरा बढ़ा-
आपको बता दें कि GST काउंसिल में कंपोजीशन स्कीम का दायरा भी बढ़ाया गया है। वहीँ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कंपोजीशन स्कीम के बारे में डिटेल में समझाया है। अब कंपोजीशन स्कीम के दायरे में 75 लाख रुपये की जगह 1 करोड़ तक टर्नओवर वाले व्यापारी आएंगे। रेस्टोरेंट और 1 करोड़ से कम टर्न ओवर वाले (5% टैक्स)। 1 अप्रैल 2018 से एक्सपोर्टर्स के लिए लागू होगी ई-वॉलेट की व्यवस्था। एडवांस रिफंड के लिए अब एक्सपोर्ट्स को मिलेगी तयशुदा पूंजी और ये रिफंड उनके ई-वॉलेट में आ जाएगा। वहीँ सभी एक्सपोर्टर को ई-वालेट की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही सालाना 20 लाख से कम टर्नओवर वाले सर्विस प्रोवाइडर्स को अब इंटरस्टेट सर्विस टैक्स से हटा दिया गया है।

27 आइटम्स पर टैक्स में बदलाव-
स्नैक्स पर जीएसटी टैक्स स्लैब 12 फीसदी से अब 5 फीसदी हुआ। छोटे बच्चों के फूड पैकेट पर टैक्स स्लैब 18 फीसदी से अब 5 फीसदी हुआ। कोटा स्टोन समेत कुछ स्टोन्स पर को टैक्स स्लैब 28 फीसदी से 18 फीसदी। डीजल इंजन के पार्ट पर टैक्स स्लैब 28 फीसदी से 18 फीसदी। पेपर वेस्ट पर टैक्स स्लैब अब 12 फीसदी से 5 फीसदी। सर्विस सैक्टर में जॉब वर्क को अब 5 फीसदी के टैक्स स्लैब में रखा गया। अनब्रांडेड नमकीन पर टैक्स स्लैब 12 फीसदी से 5 फीसदी। वहीँ अनब्रांडेड आयुर्वेदिक पर टैक्स स्लैब 18 फीसदी से 5 फीसदी। रबर वेस्ट, मैनमेड धागा पर टैक्स स्लैब टैक्स 18 फीसदी से 12 फीसदी। स्टेशनरी के आइट्मस पर टैक्स स्लैब 28 फीसदी से 18 फीसदी। ई-वेस्ट पर टैक्स स्लैब 28 फीसदी से 5 फीसदी।