गुजरात के गांधीनगर नगर निगम चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। 44 सीटों में सबसे ज्‍यादा 41 पर बीजेपी को जीत हासिल हुई है। कांग्रेस को दो और आम आदमी पार्टी महज एक सीट पर सिमट गई है। नतीजे आने से पहले आप के नेता गांधीनगर में क्‍लीन स्‍वीप करने का दावा कर रहे थे। एक अक्‍टूबर को बाकायदा पार्टी के ट्विटर हैंडल पर लिखा भी गया कि नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी सबका सूपड़ा साफ करने जा रही है। यूजर्स से इस ट्वीट को सुरक्षित रखने की बात भी कही गई। अब नतीजे आने के बाद लोग बुरी तरह आम आदमी पार्टी को ट्रोल कर रहे हैं।

बी रघुवंशी नाम के एक यूजर ने लिखा- ‘ये गुजरात है, व्यापार यहां के लोगों के दिमाग में हमेशा रहता है, मुफ्त में कुछ नहीं मिलता ये सब जानते हैं। मुफ्त की बात करने वाले पर कोई भरोसा नहीं करते यहां। मुफ्तखोरी बहुत महंगी पड़ती है, ये व्यापारी दिमाग वाले लोग अच्छे से जानते हैं।’ इसी तरह, एक अन्‍य यूजर सत्‍येंद्र चौरसिया ने सभी पार्टियों की सीटें शेयर कर लिखा- ‘स्वाद आ गया, आम आदमी पार्टी की सभी सीटों पर जमानत जब्‍त हो गई।’

सूरत नगर निगम में आप को मिली थीं 27 सीटें
गौरतलब है कि रविवार को गांधीनगर नगर निगम में 56.24 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला था। बीजेपी और कांग्रेस के अलावा 41 सीटों पर आम आदमी पार्टी (आप) ने भी चुनाव लड़ा। इससे पहले सूरत नगर निगम चुनाव में आप को 27 सीटें मिली थीं। सूरत के नतीजे देखते हुए आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि गांधीनगर में वह बीजेपी और कांग्रेस का सफाया कर देगी पर उसे मात्र 1 सीट से संतोष करना पड़ा है।

अप्रैल में कोरोना के चलते टल गए थे चुनाव
गांधीनगर के 11 वार्डों के 44 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी। पहले अप्रैल महीने में चुनाव होने थे लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन ने भी वोट डाला था और बीजेपी की जीत की उम्मीद जताई थी। गांधीनगर में कुल 2.8 लाख रजिस्टर्ड वोटर्स हैं। वार्डों की संख्या 2016 में आठ से बढ़कर 11 हो गई। पिछले चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी को यहां 16-16 सीटें मिली थीं। परिसीमन और अधिक क्षेत्रों को जोड़ने के कारण वार्डों की संख्या बढ़ी है।