उत्तराखंड, 17 मार्च 2021

हेमकुंड साहिब के कपाट इस बार 10 मई को खुलेंगे। हेमकुंड साहिब प्रबंधन ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मंगलवार को सचिवालय में मुलाकात कर ट्रस्ट के निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की अपेक्षा के अनुसार, इस साल हेमकुंड साहिब के कपाट एक जून के स्थान पर 10 मई को खोलने का फैसला लिया गया है।

हेमकुंड साहिब सिखों का पवित्र धार्मिक स्थल है। यह उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में है। हिमालय की गोद मेें बसा हेमकुंड साहिब सिख धर्म की आस्था का प्रतीक है। हजारों की तादाद में देश-विदेश से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। चारों तरफ से पत्थरीले पहाड़ और बर्फ से ढकी चोटियों के बीच बसा हेमकुंड साहिब समुद्र तल से 4329 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां का सफर बहुत ही मुश्किल है। हेमकुंड साहिब जाने के लिए श्रद्धालुओं को बर्फीले रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है।

केदारधाम के कपाट खुलने से पहले बर्फ हटाकर खोला जाएगा रास्ता

चारधाम यात्रा की तैयारियां तेज हो गई हैं। मंगलवार को प्रमुख सचिव आरके सुधांशु की ओर से केदारधाम कपाट खुलने से पूर्व रास्ते की बर्फ हटाने को लेकर मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई जिसमें लोक निर्माण विभाग को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। एसओपी के मुताबिक, उच्च हिमालयी क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने होंगे। बर्फ हटाने के लिए मार्च में मौसम अनुकूल होने के बाद प्रक्रिया शुरू की जाएगी। संबंधित ठेकेदार को तीन से चार अस्थायी श्रमिकों के कैंप में रुकने और स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था करनी होगी।

स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन के रूप में विकसित होगा बदरीनाथ धाम

बदरीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन के रूप में विकसित करने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) के बीच कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत 12 करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। बीते जनवरी में पर्यटन सचिव ने दिल्ली में देश के शीर्ष सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान प्रस्तुत किया था। साथ ही उपक्रमों से बदरीनाथ को स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन बनाने के लिए सीएसआर के तहत सहयोग देने का आग्रह किया था।इसी क्रम में मंगलवार को एसजेवीएनएल ने यूटीडीबी के साथ 12 करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि बदरीधाम नर और नारायण पर्वत के बीच स्थित देेश के प्रमुख चार धामों में से एक है। श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संख्या, सीमित संसाधनों तथा भौगोलिक प्रतिबंधों के चलते बदरीधाम की क्षमता को बढ़ाने के लिए स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन के रूप में विकसित करने की योजना है।

एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर व महाप्रबंधक पर्यटन जीएमवीएन जितेंद्र कुमार और एसजेवीएनएल की ओर से सीजीएम डी.दास, सीनियर एजीएम (सीएसआर) अवधेश प्रसाद, एजीएम पीआर एंड एचआर आशीष पंत मौजूद रहे।