नई दिल्ली, 20 मई 2021

पहले से कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों के लिए अब ब्लैक फंगस नई मुसीबत बन गया है। कोरोना से मुक्त हो चुके लोग बड़ी संख्या में ब्लैक फंगस के शिकार रहे हैं। इसी बीच ब्लैंक फंगस के इलाज के लिए काम आने वाले दवाओं की भारी कमी देखने को मिल रही है। केंद्रीय रसायन व उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया ने बृहस्पतिवार को बताया कि ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइकोसिस की दवा ‘एम्फोटेरिसिन बी’ की देश में किल्लत जल्द दूर हो जाएगी।

केंद्रीय मंत्री मनसुख भाई मांडविया ने कहा कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दवा की कमी जल्द पूरी होगी। तीन दिनों के भीतर मौजूदा 6 फार्मा कंपनियों के अलावा 5 और फार्मा कंपनियों को भारत में इसके उत्पादन के लिए नई दवा स्वीकृति मिली है। मौजूदा कंपनियां भी उत्पादन बढ़ाना शुरू कर चुकी हैं। इसके साथ ही भारतीय कंपनियों ने इस दवा के छह लाख वॉयल्स के आयात का आर्डर भी दे दिया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि ब्लैक फंगस को महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत महामारी घोषित किया जाए। इसके साथ ही राज्यों से कहा गया है कि हर पुष्ट और संभावित केसों की जानकारी भी केंद्र सरकार को उपलब्ध कराई जाए। हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना जैसे राज्य पहले ही ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर चुके हैं। महाराष्ट्र में म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) से अब तक 90 लोगों की मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश में 300 और राजस्थान में 1000 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं।

ब्लैक फंगस एक गंभीर लेकिन दुर्लभ फंगल संक्रमण है जो म्यूकोर्मिसेट्स नामक मोल्डों के समूह के कारण होता है। ये मोल्ड पूरे वातावरण में रहते हैं। यह मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हैं या ऐसी इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं लेते हैं जो शरीर की रोगाणुओं और बीमारी से लड़ऩे की क्षमता कम करती हैं। उन्होंने मरीजों को सलाह दी गई है कि वे शीघ्र उपचार कराएं, मधुमेह नियंत्रित करें, स्टेरॉयड तभी लें जब ये आवश्यक हों।