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बेल्जियम ने फीफा विश्व कप में गुरुवार देर रात खेले गए के ग्रुप जी के अपने अंतिम मुकाबले में इंग्लैंड को 1-0 से मात दी. इस जीत के साथ बेल्जियम तालिका में नौ अंकों के साथ शीर्ष पर रही जबकि इंग्लैंड को दूसरे पायदान से ही संतोष करना पड़ा. यह दोनों टीमें पहले ही प्री-क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं.

कालिनग्राड स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले के लिए दोनों टीमों ने कई बदलाव किए और युवा खिलाड़ियों को मौका दिया जिनके बीच मैच के शुरुआत से ही कड़ी टक्कर देखेने को मिली.

मैच के नौवें मिनट में बेल्जियम के मिडफील्डर मारुआन फेलेनी ने बॉक्स में हेडर लगाया और इंग्लैंड के गोलकीपर जॉर्डन पिकफोर्ड ने गेंद को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन गेंद उनक पांव के नीचे से निकल गई. हालांकि, टीम के अनुभवी डिफेंडर गैरी केहिल ने गेंद को गोल में नहीं जाने दिया.

इसके तीन मिनट बाद इंग्लैंड के ट्रेंट एलेक्जेंडर आरनोल्ड ने कॉर्नर पर शानदार क्रॉस दिया जिस पर केहिल हेडर लगाने में कामयाब रहे लेकिन अपनी टीम को शुरुआती बढ़त नहीं दिला पाए.

शुरुआती तेजी के बाद दोनों टीमों ने गेंद पर नियंत्रण बनाने का प्रयास किया. 27वें मिनट बेल्जियम में को मैच में पहला कॉर्नर मिला जिस पर एलेक्जेंडर आरनोल्ड ने तेजी दिखाते हुए अपनी टीम को पिछड़ने से बचा लिया.

इंग्लैंड को 34वें मिनट में फ्री-किक मिली और इस बार भी एलेक्जेंडर आरनोल्ड ने शानदार क्रॉस दिया लेकिन मिडफील्डर रुबेन लोफ्टस चीक हेडर से गाल करने में कामयाब नहीं हो पाए.

दूसरे हाफ में भी इंग्लैंड की शुरुआत तेज रही और 48वें मिनट में स्ट्राइकर मार्कस रैशफोर्ड ने बाएं छोर से गोल करने का प्रयास किया. हालांकि, वह गेंद को गोल में नहीं डाल पाए.

मैच के 51वें मिनट में बेल्जियम के मिडफील्डर योउरी तिएलमेंस ने दाईं छोर पर अदनान यानुजाय ने बॉक्स के अंदर डिफेंडर को छकाते हुए अपने बाएं पांव से शानदार गोल दागते हुए अपनी टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी.

एक गोल से पिछड़ने के बाद इंग्लैंड अपने खेल में आक्रामकता लेकर आई. इंग्लैंड के रैशफोर्ड को 66वें मिनट में बराबरी का गोल करने का बेहतरीन मौका मिला. रैशफोर्ड को बेल्जियम के बॉक्स के बाहर गेंद मिली और उन्हें केवल विपक्षी टीम के स्टार गोलकीपर थिबॉट कर्टुआ को छकाना था लेकिव वह ऐसा नहीं कर पाए.

रैशफोर्ड के असफल प्रयास के बावजूद इंग्लैंड ने बराबरी का गोल करने के लिए अपने आक्रामक खेल को जारी रखा जिसके कारण मैच के अंतिम क्षणों में बेल्जियम को अपनी बढ़त को दोगुना करने का मौका मिला. हालांकि, पिकफोर्ड ने गोल के अंतर को बढ़ने नहीं दिया.