अहमदाबाद, जिग्नेश मेवाणी को गुजरात विधानसभा में सोमवार को अपनी बात रखने के लिए विधानसभा के अध्यक्ष रमनलाल ने 40 सेकेंड का मामूली वक्त मिला। बता दें कि जिग्नेश सोमवार को गुजरात विधानसभा में दलित सामाजिक कार्यकर्ता भानुभाई वणकर के मुद्दे पर बोल रहे थे।

सरकार कर रही दलित विरोधी काम
विधानसभा के अध्यक्ष ने जिग्नेश के माइक को 40 सेकेंड बाद बंद करने का आदेश दे दिया था। मेवानी को दलित सामाजिक कार्यकर्ता का मुद्दा सदन में नहीं उठाने दिया गया। जिग्नेश का यह मामला सुर्खियों में है। वहीं ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार किसी अधिकारी की जवाबदेही तय नहीं करना चाहती है। जिग्नेश ने आरोप लगाया कि सरकार दलित विरोधी काम कर रही है। मेवाणी ने कहा कि थानगढ़ एसआईटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए।

दरअसल, थानगढ़ में तीन दलित युवक मारे गए थे। उन्होंने कहा कि उनकी मांगें जायज नहीं मानी जा रही। जिग्नेश ने कहा कि सरकार ने पीड़ित परिवार को 8 लाख रुपये देने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक मुआवजे की राशि पीड़ित परिवार को नहीं मिली है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार दलितों को दी जाने वाली जमीन पर दलित लोगों का हक नहीं मानती।

अहमदाबाद बंद का किया था ऐलान
दलितों को आवंटित जमीन की मांग को लेकर दलित सामाजिक कार्यकर्ता भानुभाई वणकर ने डीएम ऑफिस में खुद को आग लगा ली थी। जिसके बाद उन्हें गांधीनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनका देहांत हो गया था। वणकर के देहांत के बाद जिग्नेश मेवानी ने अहमदाबाद बंद का ऐलान किया था। उनके ऐलान के बाद पुलिस ने मेवाणी को हिरासत में ले लिया था।