मोर

राजस्थान हाईकोर्ट के एक जज अपने एक बयान के कारण सुर्खियों में है। दरअसल, बुधवार को जज ने कहा था कि मोर सहवास नहीं करता। वह ब्रह्मचारी होता है। मोरनी मोर के आंसू पीकर गर्भ धारण करती है।

लेकिन विज्ञान से लेकर इंटरनेट भी जज साहब के इस तर्क और तथ्य को दुरुस्त करता है। मोर भी बाकी पक्षियों की तरह ही सहवास करते हैं और मोरनी उसी के वीर्य से गर्भ धारण करती है। मोर अपने पंख फैलाकर मोरनी को लुभाते हैं और उससे अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

मोर भी बाकी पक्षियों की तरह सहवास करता है। मोरनी खुद गर्भ नहीं धारण करती है। यह सिर्फ कथा और कल्पनाओं में ही हो सकता है। मोर अपने पंख फैलाकर मोरनी का ध्यान आकर्षित करते हैं। वे उन्हें लुभाने के लिए नाचते भी हैं। मोरनी उनके पंख, आकार और रंग-रूप देखकर आकर्षित होती हैं और सहवास की प्रक्रिया में हिस्सा लेती हैं। दोनों में प्रजनन संबंधी अंग क्लोका होता है। सहवास के दौरान वे अपने क्लोका को आपस में मिलाते हैं। इस दौरान नर की वीर्य मादा में प्रवेश कर जाता, जो उसके गर्भाशय में पहुंचता है। वसंत ऋतु के मध्य में दोनों सहवास की प्रक्रिया में सक्रिय होते हैं।

राजस्थान हाईकोर्ट के जज महेश चंद्र शर्मा ने कहा था कि “मोर ब्रह्मचारी होता है, इसलिए वह राष्ट्रपक्षी है। वह मोरनी संग सहवास नहीं करता। मोरनी उसके आंसू पीकर गर्भवती होती है। यही कारण है कि भगवान श्रीकृष्ण मोर पंख अपने माथे पर लगाते हैं।”

शोध बताते हैं कि मोर बेहद रोमांटिक होते हैं। वे एक समय पर कई मोरनियों के साथ रास रचाते हैं। इतना ही नहीं, कई बार तो मोरनियां आकर्षक मोर के साथ सहवास की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए लड़ जाती हैं।

जज के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर मोर और मोरनी के सहवास की वियो भी वायरल हो रहीं हैं।

नेशनल जियोग्राफिक वाइल्ड के वीडियो भी यह स्पष्ट करता है कि मोर सहवास करते हैं। इसमें कुछ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मोर किस प्रकार मादा को आकर्षित करते हैं। वीडियो में एक जानकार के मुताबिक मोर सबसे पहले मोरनी की तरफ मुड़ते हैं। वे उनकी सफेद रंग की पूंछ दबा देते हैं और फिर सहवास करते हैं। वहीं, इवोल्यूश्नरी बायोलॉजिस्ट डॉक्टर ओलिविया जडसन के मुताबिक मोरनी में बेहतरीन कलर विजन होता है। उसी के आधार पर वह मोर के रंग-बिरंगे पंखों के रंग से आकर्षित होती है।