उत्तर प्रदेश के कानपुर में जिला प्रशासन छोटे सिर के साथ जन्म लेने वाले बच्चों की तलाश में कर रहा है ताकि जीका वायरस की रोकथाम की जा सके. स्वास्थ्य विभाग पिछले 15 दिनों में जन्म लेने वाले बच्चों की खोज के लिए अस्पतालों से आंकड़े जुटाने में लग गया है. माना जा रहा है कि जन्म लेने वाले बच्चे माइक्रोसिफेली नामक बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. इस बिमारी के कारण जन्म लेने वाले बच्चों का दिमागी विकास ठीक तरह से नहीं होता है.

कानपुर में माइक्रोसिफेली नामक बीमारी से से लड़ने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में जन्म लेने वाले बच्चों की खोज शुरू कर दी है जिसके लिए रेडियोलॉजिस्ट की भी मदद ली जा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं और गर्भपात के आंकड़े जुटाने के लिए सरकारी और प्राइवेट से आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं. सभी अस्पतालों से माइक्रोसिफेली नामक बीमारी से पीड़ित बच्चों की जानकारी जुटाई जा रही है. हालांकि इस बिमारी से पीड़ित किसी भी बच्चे का का कोई मामला सामने नहीं आया है. मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. जीके मिश्र के जीका वायरस से गर्भवती महिलाओं को समस्या हो सकती है.

डॉ. जीके मिश्र का कहना है कि जीका वायरस के कारण महिलाओं में गर्भपात की दिक्कत भी हो सकती है. डॉ. जीके मिश्र के मुताबिक बीमार और बुखार पीड़ित गर्भवती की सूची बनाई जा रही है. सर्विलांस टीमें क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को सलाह दे रही हैं कि वह डफरिन और उर्सला में अल्ट्रासांउड करा लें.