dogs worshiping

नई दिल्ली : कहते हैं दुनिया के लाखों जानवरों में से सिर्फ एक कुत्ता ही एकलौता ऐसा जानवर होता है जो अपने मालिक का सबसे वफादर साथी होता है। हरपल वो सिर्फ अपने मालिक की गुलामी करता है। यही वजह है कि कुत्ते को पालना हर दूसरे इंसान की पहली पसंद होती है।dogs

दुनिया के लगभग 405 मुल्कों को मिलाकर लाखों तीज-त्योहार मनाये जाते हैं। खुद भारत में प्रत्येक महीने कोई ना कोई त्यौहार मनाये जाते हैं। हर त्यौहार की अपनी अलग मान्यता होती है ,अलग परम्परा होती है।dogs worshipingमगर आज हम आपको एक ऐसे त्यौहार के बारे में बताने जा रहे हैं जहां किसी भगवान और इंसान की नहीं बल्कि कुत्तों की पूजा होती है। उनकी पूजा के दौरान उनकी इतनी आवभगत और सेवा की जाती है कि इंसान तो इंसान एक समय भगवान भी हैरान हो जाए।

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आपको जानकार आश्चर्य होगा कि हमारे पड़ोसी मुल्कों में से नेपाल एक ऐसा देश है जहां पर साल का एक दिन कुत्तों के लिए समर्पित किया गया है।dogs worshiping

उस दिन पूरे नेपाल में उत्सव का ही माहौल होता है और इस त्यौहार को ”कुक्कुर तिहार” नाम से नेपालवासी मनाते हैं। इस त्यौहार के दिन पूरे नेपाल में सभी कुत्तों की पूजा होती है और उनको फूल-माला पहनाकर उनकी आवभगत की जाती है।dogs woship

लगभग 5 दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार के दूसरे दिन कुत्तों की पूजा की जाती है।इस त्यौहार को मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य ये है कि ”कुत्ते काफी वफादार जानवर होते हैं इसलिए उनकी इंसान के प्रति वफ़ादारी को आधार मानते हुए उनकी पूजा की जाती है।dogs worshiping

इस दिन लोग कुत्तों के माथे पर तिलक लगाते हैं ,उनको फूलमाला पहनाते हैं और इसके बाद वहां के निवासी कुत्तों को स्वादिष्ट भोजन भी खिलाते हैं। वहां के निवासी इस पूजा के माध्यम से ये कामना करते हैं कि कुत्तों और इंसान का ये अटूट वफ़ादारी का रिश्ता हमेशा बना रहे।