हेल्थ डेस्क. बदलते मौसम के साथ ही भारत में फिर से कोरोना तेजी से फैलने लगा है। पिछले करीब 5 सप्ताह से देश भर में कोविड केसों में इजाफा दर्ज किया जा रहा है। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार नई गाइडलाइंस जारी किए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इससे पहले गुरुवार को महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक की राज्य सरकारों को परीक्षण, ट्रैक, उपचार और टीकाकरण की रणनीति का पालन करने के लिए पत्र लिखा था।

टेस्टिंग पर दें जोर

केंद्र सरकार ने राज्यों को दिए दिशा निर्देश में कहा कि टेस्ट, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन पर पूरा फोकस किया जाए। ताकि कोरोना को फैलने से रोका जा सके। इसके अलावा गाइडलाइंस में कहा गया है कि एंटीबायोटिक्स का उपयोग तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि बैक्टीरियल इन्फेक्शन का क्लीनिकल संदेह न हो।

सिस्टमिक और कॉर्टिको स्टेरॉयड को लेकर गाइडलाइंस

इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि कोरोना के साथ-साथ कोई अन्य वायरल इंफेक्शन ना हुआ हो। हलकी बीमारी पर सिस्टमिक और कॉर्टिको स्टेरॉयड नहीं लेने को कहा गया है। इसके अलावा शारीरिक दूरी बनाए रखने, इंडोर मास्क का उपयोग, शरीर के तापमान और ऑक्सीजन लेवल की निगरानी के लिए भी दिशा निर्देश दिए गए हैं।

रेमेडिसविर के लिए दिशा निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइंस में कहा गया है कि अगर सांस लेने में कठिनाई, बुखार, खांसी 5 दिनों से अधिक समय तक रहने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें। टेस्ट कराएं। गंभीर लक्षण या ज्यादा बुखार होने पर 5 दिनों में रेमेडिसविर (पहले दिन 200 मिलीग्राम IV और उसके बाद अगले 4 दिनों के लिए 100 मिलीग्राम IV OD) देने पर विचार हेल्थ एक्सपर्ट कर सकते हैं। गंभीर बीमारी या आईसीयू में मरीज के पहुंचने पर शुरुआत के 24-48 घंटों के भीतर अधिमानतः टोसीलिज़ुमैब देने पर विचार करें।

इन दवाइयों को कोरोना की बीमारी में ना लें

संशोधित दिशानिर्देशों में कुछ दवाओं की सूची दी गई है जिनका उपयोग कोविड-19 में नहीं किया जाना है, जिनमें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन,  इवरमेक्टिन, मोलनुपिराविर और फेविपिराविर शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार (19 मार्च) को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 24 घंटे के भीतर संक्रमण के कुल 1,071 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं, केरल, राजस्थान और महाराष्ट्र में एक-एक मरीज की मौत हुई।