Syria, Eastern Ghotua, Chemical Attack, Army Attack, International News

मिश्‍क, आइएएनएस। सीरिया में विद्रोहियों के कब्‍जे वाले ईस्‍टर्न घोउटा में इस वक्‍त बेहद खौफनाक मंजर है। सीरियाई सेना ने अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। बमबारी और गोलीबारी से पूरा इलाका थरार्या हुआ है। चारों तरफ चीख-पुकार की गूंज है और सीरिया को हालिया वर्षों में अब तक की सबसे बड़ी मानव क्षति का सामना करना पड़ा है। वहीं पिछले 48 घंटों में आम नागरिकों की मौत का जो आंकड़ा सामने आया है, वो 2013 के रासायनिक हमले के बाद सबसे ज्यादा है।

मरने वालों में ज्‍यादातर बच्‍चे-महिलाएं

सीरियन आब्‍जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने दावा किया है कि पिछले 48 घंटों में कम से कम 250 आम नागरिकों की मौत हो गई है। मरने वालों में 58 बच्‍चे और 42 महिलाएं शामिल हैं। संगठन ने पिछले कुछ वर्षों में ईस्‍टर्न घोउटा में हुए हमलों में इसे अब तक का सबसे भयावह हमला करार दिया है। हमलों में हजार से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।

Syria, Eastern Ghotua, Chemical Attack, Army Attack, International News

ईस्टर्न घोउटा पर है विद्रोहियों का कब्‍जा

गौरतलब है कि साल 2012 से ईस्टर्न घोउटा को विद्रोहियों ने अपने नियंत्रण में ले रखा है। करीब चार लाख की आबादी वाले इस इलाके को सीरिया और ईरान ने विद्रोही इलाका घोषित किया हुआ है। ईस्टर्न घोउटा पर कई इस्‍लामिक विद्रोही संगठनों का कब्‍जा है, जिसमें अलकायदा से जुड़ा हयात तहरीर अल-शाम भी शामिल है।

नियंत्रण से बाहर हो रहे हैं हालात 

सीरिया में जारी हमलों के बीच संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि हालात नियंत्रण से बाहर हो रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने बताया है कि हमलों में छह अस्पताल भी तबाह हो चुके हैं और कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो हालात नियंत्रण के बाहर चले जाएंगे। हालांकि सीरियाई सेनाओं की तरफ से इस तरह की रिपोर्टों पर कोई बयान नहीं जारी किया गया है।

लोगों ने पहले नहीं देखा ऐसा मंजर

सीरिया में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि सेना के हमलों के कारण अब तक 15 हजार लोग अपना घर छोड़कर जा चुके हैं। वहीं ईस्‍टर्न घोउटा हॉस्पिटल के डायरेक्‍टर ने कहा कि हम यहां घाेउटा में पिछले करीब पांच साल से हवालों हमलाें का सामना कर रहे हैं और अब इसमें हमारे लिए कुछ भी नया नहीं है। मगर इतने बड़े पैमाने पर हमने कभी नहीं देखा था। उन्‍होंने यह भी कहा कि चिकित्‍सक दिन-रात हमलों में घायल लोगों के इलाज में लगे हुए हैं। वहीं दमिश्‍क के एक डॉक्‍टर ने कहा कि स्थिति बेहद ही विपत्तिपूर्ण है। चार-पांच अस्‍पताल तबाह हो गए हैं। मरने वालों में ज्‍यादातर बच्‍चे और महिलाएं हैं।