शिमला, 15 अप्रैल 2021

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला क्षेत्र में पाकिस्‍तानी मोबाइल सिग्‍नल का पता चला है जिसे सुरक्षा एजेंसियां चौकन्‍नी हो गई हैं। इस संबंध में कांगड़ा जिला प्रशासन ने करारी नामक स्‍थान पर पाकिस्‍तानी मोबाइल नेटवर्क मिलने के संबंध में दूरसंचार विभाग को सूचित किया है। इस संबंध में पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि सिग्‍नल समुद्र तल से 2900 मीटर उपर और धर्मशाला जिला मुख्‍यालय से लगभग 26 किलोमीटर दूर करेरी झील तक गए थे। ट्रैकर्स ने अधिकारियों को बताया कि जब भारतीय सेलुलर ऑपरेटर ऑपरेटर सिग्‍नल उपलब्‍ध नहीं थे तो उनके मोबाइल फोन ने पाकिस्‍तान मोबाइल सिग्‍नल पकड़ लिए।

इतना नहीं मोबाइल फोन पर भारतीय मानक समय (IST) में बदलाव देखा गया। ट्रैकर्स ने बताया कि पाकिस्‍तानी सिग्‍नल इतने मजबूत थे कि मोबाइल फोन अपने आप पाकिस्‍तान स्‍टैंडर्ड टाइम (PST) पर चले गए। दिलचस्प बात यह है कि धर्मशाला और निकटतम पाकिस्तानी सीमा के बीच हवाई दूरी लगभग 140 किलोमीटर है और स्थापित अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार, सीमा के प्रत्येक तरफ 500 मीटर से अधिक दूरी पर मोबाइल फोन सिग्नल उपलब्ध नहीं होने चाहिए। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब धर्मशाला में पाकिस्‍तानी मोबाइल नेटवर्क का पता चला हो।

इससे पहले भी साल 2018 में दो प्रमुख पाकिस्‍तानी मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों जोंग और यूफोन के संकेतों को भी दो स्‍थानों पर पाया गया था। जिन्हें ट्राइंड और धर्मकोट कहा जाता है। हालांकि भारत-पाकिस्तान सीमा पर पाकिस्तानी मोबाइल फोन संकेतों का पता लगाना बहुत सामान्य है, लेकिन धर्मशाला में पाकिस्तानी संकेतों का पता चलने से प्रशासन सतर्क हो गया है क्योंकि असामाजिक तत्व उनका दुरुपयोग कर सकते हैं।

उल्‍लेखनीय है कि ज़ोंग एक चीनी कंपनी के स्वामित्व वाली दुनिया की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक है, वहीं Ufone पाकिस्तान में तीसरा सबसे बड़ा दूरसंचार ऑपरेटर है। पिछले दिनों कांगड़ा जिले में दो अन्य पाकिस्तानी सेलुलर ऑपरेटरों, मोबिलिंक और टेलीनॉर और एक अन्य चीनी कंपनी के संकेतों का भी पता चला है। गौरतलब है कि धर्मशाला एक अत्यंत संवेदनशील और भारी सुरक्षा वाली जगह है क्योंकि निर्वासित तिब्बती नेता दलाई लामा यहां रहते हैं। चीनी जासूसों को पिछले दिनों मैक्लोडगंज से धर्मशाला के पास गिरफ़्तार किया गया था।