modi and aung san suu kyi

म्यांमार दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ डेलिगेशन लेवल की वार्ता की है। दोनों नेताओं ने वार्ता के बाद साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया। भारत और म्यांमार के बीच कई समझौते हुए। पीएम मोदी ने साझा प्रेसवार्ता में रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा भी उठाया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत म्यांमार की चुनौतियों को समझता है और शांति के लिए हर संभव मदद करेगा।

UPDATES-

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ मुलाकात करने के बाद साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत म्यांमार की चिंता में भागीदार है। हम म्यांमार की चुनौतियों को समझता है, पड़ोसी होने के नाते सुरक्षा के मोर्चे पर हमारी मुश्किलें एक जैसी ही हैं।
  • पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत म्यांमार में शांति के लिए हर संभव मदद करेगा, भारत का लोकंतत्र म्यांमार के लिए भी काम आएगा। मोदी ने कहा कि मेरा जिस प्रकार से यहां पर स्वागत हुआ है, ऐसा लग रहा है कि मैं अपने घर में ही हूं। पीएम मोदी ने कहा कि भविष्य में भी हमारे समझौते म्यांमार के हक में ही होंगे।
  • पीएम मोदी और आंग सान सू की की मौजूदगी में भारत और म्यांमार के बीच समझौतों का आदान प्रदान हुआ।

  • डेलिगेशन लेवल वार्ता के बाद भारत और म्यांमार ने संयुक्त बयान जारी किया।
  • पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बतौर पड़ोसी और एक्ट ईस्ट पॉलिसी के संदर्भ में म्यांमार के साथ रिश्ते मजबूत करना भारत की प्राथमिकता है।

  • पीएम मोदी और आंग सान सू की के बीच डेलिगेशन लेवल की बातचीत शुरू हुई।

  • बुधवार को पीएम मोदी ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से मुलाकात की।

इससे पहले मंगलवार को पीएम मोदी ने म्यांमार पहुंचने के बाद ट्वीट किया, ‘अभी मैं प्यी ता पहुंचा, मेरी म्यांमार यात्रा यहीं से शुरू होगी। म्यांमार की यात्रा के दौरान मैं कई कार्यक्रमों में शामिल होऊंगा।’ आपको बता दें कि मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण के अंतर्गत यहां पहुंचे हैं। पीएम मोदी ने म्यांमार के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान उन्हें कई तोहफे भी दिए। पीएम ने उन्हें बोद्धि वृक्ष भी तोहफे में दिया।

भारत और चीन के लिए अहम है म्यांमार-
म्‍यांमार को भारत के लिए दक्षिण-पूर्वी एशिया का प्रवेश द्वार माना जाता है। चीन के लिए भी यह रणनीतिक अहमियत रखता है। ऐसे में भारत ही नहीं, बल्कि चीन भी यहां अपना दायरा बढ़ाने में जुटा हुआ है। म्‍यांमार चीन की वन बेल्‍ट वन रोड़ परियोजना का एक अहम पड़ाव है। दोनों देश चाहेंगे कि म्‍यांमार उनके साथ खड़ा हो।

आपको बता दें कि म्यांमार में लगातार रोहिंग्या मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों ने एक बार फिर से दुनिया का ध्यान आकर्षित कर लिया है। भारत समेत सयुंक्त राष्ट्र भी इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए है। आंकड़ों के अनुसार अब तक करीब 400 रोहिंग्या मुस्लिमों की हत्या की जा चुकी है। वे बड़ी तादाद में अपनी जान बचाने के लिए पहाड़ों और नदियों के रास्ते म्यांमार को पार कर बांग्लादेश के कुटुपालंग रिफ्यूजी कैंप की ओर पलायन कर रहे हैं।