rahul Gandhi

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय समय अनुसार मंगलवार देर रात अमेरिका की प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में छात्रों से मुलाकात की। इस संवाद के दौरान राहुल ने नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल ने कहा कि, ‘मोदी सरकार रोजगार पैदा करने में फेल हो रही है।’

राहुल गांधी ने राजनीतिक प्रणाली के केंद्रीयकरण और रोजगार सृजन में कमी को मौजूदा भारत की केंद्रीय समस्या बताई है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कम बजट की ओर भी राहुल ने इशारा किया है।

पैदा हो रही सिर्फ 400 नौकरियां-
राहुल ने कहा कि, “जितनी नौकरियां पैदा होनी चाहिए थी, उतनी नहीं हुई हैं। नौकरी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। हर दिन बाजार में 30,000 बेरोजगार युवक आ रहे हैं। मगर नौकरियां सिर्फ 400 पैदा हो पा रही हैं।”

अगले सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि, “चुनौतियां आती रहती हैं और सिस्टम को उन चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार रहने की जरूरत है। मेरे खयाल से कुछ बड़ी चुनौतियां सामने आ रही हैं। मगर मुझे उन चुनौतियों से पार पाने में सिस्टम में कुछ कमियां नजर आ रही हैं।”

केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई ‘मेक इन इंडिया’ योजना का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि, “मेरे ख्याल से मेक इन इंडिया का लक्ष्य छोटे-छोटे उद्योगों को लाभ पहुंचाना होना चाहिए था, मगर इसके तहत अभी बड़े उद्योगों को टार्गेट किया जा रहा है।”

देश के राजनीतिक माहौल पर राहुल ने कहा कि, “राजनीतिक प्रणाली का केंद्रीयकरण आज की तारीख में भारत की केंद्रीय समस्या है। कानून निर्माण की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत है। इसे मैं पार्टी के अंदर लागू करने की कोशिश भी करता रहता हूं। मगर सभी को यह पसंद नहीं आता है क्योंकि यह शांति भंग करने वाला है।”

उन्होंने आगे कहा कि, “डीसेंट्रलाइजेशन हमेशा अच्छा होता है। बात सिर्फ डीसेंट्रलाइजेशन की नहीं है, बल्कि सही मात्रा में और उचित स्तर पर डीसेंट्रलाइजेशन की जरूरत है।”

राहुल ने कहा कि, ‘पूरी दुनिया से तुलना करें, तो बीते कुछ दशक में भारत जितनी बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर लाने में सफल रहा है, उतना और कोई देश नहीं रहा है।’ राहुल ने फंडामेंटल स्ट्रक्चर की समस्या पर भी अपनी चिंता जाहिर की है। राहुल ने कहा कि, ‘भारत में जब भी बड़े बदलाव हुए हैं, तो उन बदलावों के पीछे प्रवासी भारतीयों की बड़ी भूमिका रही है।’