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मुंबई: नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने आखिरकार तीन महीने पहले किए गए अपने ऐलान को सच कर ही दिया। उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे से किया अपना वादा पूरा किया है। ठाकरे द्वारा लिए गए इंटरव्यू में शरद पवार ने बड़ी ही बेबाकी से सवालों के जवाब दिए। करीब दो घंटे तक चले इस  इंटरव्यू में पवार ने आरक्षण से लेकर पीएम मोदी पर खुलकर बात की।

आर्थिक आधार पर मिले आरक्षण
महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लोग काफी समय से नौकरी और शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। इसके लिए पिछले साल अगस्त में विशाल मूक मोर्चा आंदोलन निकाला गया था। आरक्षण पर पवार ने कहा कि इसे आर्थिक आधार पर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह काफी संवेदनशील मुद्दा है। उन्होंने कहा कि इसमे कोई दो राय नहीं है कि  दलित और आदिवासियों को आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन अलग-अलग जाति के लोग भी इसके लिए रैली निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस मामले में पूरी तरह से साफ हूं कि आरक्षण जाति के आधार पर नहीं बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को मिलना चाहिए।

कांग्रेस के आएंगे अच्छे दिन
इंटरव्यू के दौरान पवार ने एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए कहा कि 1999 में उनके कांग्रेस छोड़ने की वजह सोनिया गांधी थीं। सोनिया प्रधानमंत्री बनना चाहती थीं लेकिन तब इस पद की दौड़ में मनमोहन सिंह और वे खुद थे। एक दिन घर में मीडिया रिपोर्ट से पता चला कि सोनिया सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रही हैं बस उसी समय मैंने कांग्रेस छोड़ दी। वहीं उन्होंने कहा कि राहुल गांधी में अब पहले से काफी बदलाव आया है। अब राहुल पूरी तरह से पार्टी की जिम्मेदारी उठा रहे हैं और पिछले दिनों चुनावों में कांग्रेस का जैसे प्रदर्शन रहा उसे देखकर लग रहा है कि जल्द ही राहुल पार्टी के अच्छे दिन लेकर आएंगे। राहुल अगर ऐसे ही आगे बढ़ते रहेंगे तो जनता भी उन्हें अपना लेगी।

गुजरात नहीं देश के पीएम हैं मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पवार ने कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि वे गुजरात नहीं देश चला रहे हैं। दोनों में काफी अंतर है। देश को चलाने के लिए एक सुदृढ़ टीम की जरूरत है जो देश के कोने से लोगों की समस्याएं समझें और उन पर काम करे। लेकिन मोदी तो अकेले ही सबकुछ करना चाहते हैं, टीम मे नहीं रहना चाहते जोकि देश हित में नहीं होगा।

राज ठाकरे और शरद पवार के बीच यह सारी बातचीत  ‘शोध मराठी मन का’ विषय पर चर्चा के दौरान हुई। ठाकरे खुद पवार का हाथ पकड़ उन्हें मंच पर लेकर आए। राज ने पवार के 50 साल के राजनीतिक सफर के हर पहलू पर बात की। बता दें कि नवंबर 2017 में इस विशेष बातचीत की घोषणा BVG ग्रुप के फाउंडर डायरेक्टर हनुमंत गायकवाड़ ने की थी। दोनों नेताओं की मुलाकात पहले 6 जनवरी को होनी थी लेकिन भीमा कोरेगांव हिंसा की वजह से इसे रद्द कर दिया गया था।