Yogi Shivpal

अजय पत्रकार

नई राजनीतिक जमीन तलाश रहे शिवपाल यादव अपने नई प्लानिंग से सपा अध्यक्ष और अपने भतीजे अखिलेश यादव को झटका देने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक शिवपाल जल्द ही जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो सकते हैं, जो कि हाल ही में दोबारा एनडीए का घटक दल बना है। माना जा रहा है कि शिवपाल को जेडीयू का उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। खबर यो यहां तक है कि शिवपाल यादव यूपी की योगी सरकार में मंत्री भी बनाए जा सकते हैं।

भाई से धोखा खाने के बाद बनाया प्लान

शिवपाल यादव अपना एक नया दल बनाना चाहते थे लेकिन इसके लिए उन्हें मुलायम सिंह यादव का साथ मिलना जरूरी था। मुलायम सिंह यादव जब भाषण पढ़ रहे थे तब पूर्व मंत्री शारदा प्रसाद शुक्ला उन्हें बार बार वह पढ़ने को बोल रहे थे जो नए दल के बारे में लिखा हुआ था। मुलायम सिंह यादव ने लेकिन ऐसा नही किया। इसके साथ ही शिवपाल यादव का नया दल का सपना चकनाचूर हो गया। जिसके बाद शिवपाल यादव ने नई प्लानिंग कर ली है।

बीजेपी से बेहतर जेडीयू

अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव से धोखा खाने के बाद शिवपाल यादव को नई राजनीतिक जमीन की जरुरत है। शिवपाल के पास पहला विकल्प बीजेपी है। लेकिन बीजेपी में नेताओं की भीड़ में उन्हें वह मान सम्मान नही मिलता जो किसी अन्य दल में मिल सकता है। इसी वजह से शिवपाल यादव जेडीयू को चुनना मुनासिब समझा है। इससे शिवपाल यादव को एक दल मिल जाएगा और नीतीश कुमार को यूपी में एक दमदार नेता। शिवपाल यादव जदयू कोटे से योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में कोई महत्वपूर्ण विभाग वाला मंत्रालय भी पा सकते हैं।

अखिलेश यादव से बदला

बताया जा रहा है कि शिवपाल समर्थको की योजना है कि समाजवादी पार्टी के वोट बैंक पर चोट कर ही मुलायम और अखिलेश से गद्दारी का बदला लिया जा सकता है ,इसी सोच के तहत पिछड़े वर्ग के यादव और कुर्मी को एक जुट कर एक दल के बैनर तले लाने की रणनीति को जन्म दिया जा रहा है । शिवपाल समर्थको का मानना है कि यादव वोट बैंक पर चोट कर जहा सपा को झटका दिया जा सकता है वही कुर्मी -यादव -मुसलमान गठजोड़ के सहारे उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुकाम हासिल करना भी आसान है।

यादव, कुर्मी गठजोड़ की प्लानिंग

शिवपाल समर्थक अपने नेता शिवपाल की योजना के अनुसार जनता दल यू में शामिल होने का फैसला कर चुके है ,इसके पीछे शिवपाल की सोची समझी रणनीति काम कर रही है ,उनका मानना है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में नीतीश कुमार के पास कोई दमदार नेता नहीं है और दूसरी तरफ शरद यादव नीतीश कुमार के विरोध में उतर आए है ,ऐसे में जदयू में महत्व मिलने के साथ ही उत्तर प्रदेश में नीतीश कुमार की बेदाग छवी का फायदा उठाया जा सकता है,उत्तर प्रदेश का कुर्मी वोट बैंक भी नीतीश के नाम पर एक जुट हो सकता है।