मुंबई, 22 अप्रैल 2021

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने विकराल रूप ले लिया है। पहली बार देशभर से रोजाना तीन लाख से अधिक नए मरीज सामने आ रहे हैं, अस्पतालों में दवाई, बेड और ऑक्सीजन की कमी के चलते हाहाकार मचा हुआ है। दूसरी ओर राज्य सरकार के सख्त नियमों और लॉकडाउन की आशंका के बीच अपने घरो से दूर रोजगार कर रहे दिहाड़ी मजदूर की हालत फिर से पिछले वर्ष जैसी हो गई है। बॉलीवुड नगरी में काम करने वाले दिहाड़ी श्रमिक रो-रोकर मदद की गुहार लगा रहे हैं।

इंडस्ट्री के दिहाड़ी मजदूरों के सामने आई ये समस्या

कोरोना वायरस महामारी का सबसे बुरा प्रकोप महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामलों के बेलगाम होने के बीच राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया है, यह आदेश 1 मई तक लागू रहेगा। प्रदेश में कोरोना वायरस के चलते शख्त हुए नियमों के बाद फिल्म इंडस्ट्री में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करने वाले लोगों के सामने अब खाने-पीने और आजीविका की समस्या आ गई है।

बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री की हालत खस्ता

रोज कमाने खाने वाले मजदूरों के अलावा जूनियर कलाकारों की भी कोविड ने हालत खराब कर दी है। इन लोगों को मजबूरी में कर्ज लेकर अपने घर का खर्च चलाना पड़ रहा है। सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं टीवी इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों का भी कुछ ऐसा ही हाल है। महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक शूटिंग पर रोक लगाए जाने के बाद कई टीवी शोज राज्य के बाहर शूट कर रहे हैं। इससे हजारों जूनियर कलाकार और तकनीशियन पीछे रह गए हैं, जिनके पास कोई नौकरी नहीं है, और कोई बचत नहीं है।

छोटे कर्मचारियों को ही बाहर क्यों निकाला जाता है?

इन लोगों के मन में एक ही सवाल है कि कोरोना काल में सेट पर लोगों की संख्या कम करने का आदेश आने पर इन्हें ही बाहर क्यों किया गया? सेट पर काम करने वालीं जूनियर कलाकार नाजिया नदीम खान ने कहा, मैं आपको यह भी नहीं बता सकता कि हम किस हद तक पीड़ित हैं। रमजान चल रहा है, और हमारे घर पर राशन तक नहीं है। हमें किसी से कोई मदद नहीं मिल रही है। यह हालात 15 दिनों के बंद से पहले के से हैं, जब हमें काम मिलना बंद हो गया। वे (मेकर्स) सिर्फ दो या तीन जूनियर कलाकारों को बुला रहे थे।

काम नहीं होगा तो घर कैसे चलाएं?

नाजिया ने बताया कि उनकी एक छह साल की बेटी है जिसे वह तंगी के चलते स्कूल नहीं भेज पाई थीं, और इस साल भी उन्हें कोई उम्मीद नहीं है। कुछ ऐसा ही हाल जूनियर आर्टिस्ट अर्पणा भगत शुक्ला का भी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ हमारे सेट पर ही जाने से कोरोना होगा? हम दैनिक मजदूरी करते हैं, काम ना मिलने से हम अपने परिवार का पालन कैसे करें? आज हमें इस बात का दुख है कि किस इंडस्ट्री में आ गए। यह हमारी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती है।

फिल्म स्टार्स से है उम्मीद

बता दें कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान भी इंडस्ट्री के दैनिक वर्कर्स की कुछ ऐसी ही हालत थी लेकिन उस समय कई बड़े एक्टर्स उनके लिए आगे आए थे। जूनियर कलाकारों को उम्मीद है कि सलमान खान निश्चित रूप से आगे आएंगे और मदद करेंगे। इंडस्ट्री से जुड़े दैनिक मजदूरों की हालत ऐसी है कि वह रो-रोकर मदद के लिए आवाज लगा रहे हैं। पिछले साल सलमान, रोहित शेट्टी, अजय देवगन सहित बॉलीवुड के कई स्टार्स ने मदद का हाथ बढ़ाया था। लेकिन इस साल, यह मुश्किल लग रहा है क्योंकि फिल्में रिलीज नहीं होने की वजह से उनकी भी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।