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रोहिंग्या समुदाय ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ रुख किया है। मुस्लिम शरणार्थियों को भारत से बाहर निकाले जाने के सरकार के कदम के बाद समुदाय सुप्रीम कोर्ट के तरफ गया है।

समुदाय ने कोर्ट में याचिका में कहा है कि उनका आतंकवाद और किसी आतंकी संगठन से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें सिर्फ मुसलमान होने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है। ‘हमारा आतंकवाद से कोई वास्ता नहीं है, जब से हम जम्मू में रह रहे हैं, हम पर ऐसा कोई आरोप नहीं लगा। हमारे बीच से कोई एक व्यक्ति भी आतंकी गतिविधियों में शामिल नहीं पाया गया।

रोहिंग्या शरणार्थियों ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार के कदम को समानता के अधिकार के खिलाफ बताया है और कहा है कि हम गरीब हैं और मुसलमान हैं, इसलिए उनके साथ ऐसा किया जा रहा है।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच इस याचिका पर अगले सोमवार को सुनवाई करेगी। भूषण ने रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने के विरोध में ये अपील दायर की है। जिसकी सुनवाई रोहिंग्या शरणार्थियों की इस याचिका के बाद की जाएगी।