american attack

गृह युद्ध की आग में झुलसे सीरिया में केमिकल अटैक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हवाई हमले में करीब 4 अरब रुपये चंद मिनटों में बर्बाद कर दिए। सीरिया सरकार के ठिकानों पर अमेरिका ने 59 क्रूज टॉमहॉक मिसाइलें दागी, जिनकी कीमत करीब तीन अरब 54 करोड़ रुपये (छह करोड़ डॉलर) बताई जा रही है।

मार्केट वाच वेबसाइट के अनुसार एक टॉमहॉक मिसाइल की कीमत साढ़े छह करोड़ रुपये (10 लाख डॉलर) है। इस लिहाज से 59 मिसाइलों की कीमत करीब तीन अरब 54 करोड़ रुपये बैठती है। इन मिसाइलों को USS Porter और USS Ross जंगी जहाज से दागा गया। विशेषज्ञों के अनुसार इतनी मिसाइलें दागने में अमेरिका को करीब कुल चार अरब रुपये का नुकसान पहुंचा है। अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप का यह अब तक का सबसे कड़ा फैसला है।

ग्लोबल मार्केट में आयी भारी गिरावट

सीरिया पर अमेरिका के हमले की खबर फैलते ही ग्लोबल मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिली है। दुनिया भर के स्टॉक्स से लेकर कमॉडिटीज और करेंसी बाजार में तेजी से गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों के अनुसार ग्लोबल बाजार में सुधार अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भावी प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा।

सीरिया पर हमले के बाद एशिया पैसिफिक इंडेक्स 0.2 गिर गया। टोक्यो के बाजार में 0.5 फीसदी, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, इंडोनेशिया और एशियाई बाजारों में भी जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है।

मिसाइल बनाने वाली कंपनी के स्टॉक प्राइज में इजाफा

अमेरिकी हमले के बाद टॉमहॉक मिसाइल बनाने वाली कंपनी रेथियॉन के स्टॉक प्राइस में भारी वृद्धि देखने को भी मिली है, जबकि ग्लोबल मार्केट में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। रेथियॉन के स्टॉक प्राइज में एक दिन में एक फीसदी से भी ज्यादा वृद्धि देखी गई है। अमेरिका ने वित्तीय वर्ष 2017 के बजट में चार हजार टॉमहॉक मिसाइलों को खरीदने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही इस हमले के बाद से अमेरिका ने 2018 में भी ज्यादा संख्या में इन मिसाइलों को खरीदने की योजना में है।

सोना और चांदी की मांग बढ़ी

सीरिया पर अमेरिकी हमला सामने आने के बाद सोना और चांदी की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है, जिसके चलते ग्लोबल बाजार में इनकी कीमतों में वृद्धि देखी गई है। ग्लोबल बाजार में सोने की कीमत में 0.99 फीसदी और चांदी की कीमत में 0.93 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। दरअसल, बाजार मे भारी गिरावट के असर से खुद को सुरक्षित करने के लिए निवेशक सोना और चांदी में पैसा लगाना उचित समझते हैं, जिसके चलते इनकी कीमतें बढ़ जाती हैं।

पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में उछाल

अमेरिकी हमले के बाद रूस, ईरान, ब्रिटेन, फ्रांस, इजराइल, सऊदी अरब और चीन की प्रतिक्रिया आने के बाद पेट्रोलियम पदार्थ में तेजी से उछाल आया है। वैश्विक बाजार में तेल की कीमत में 1.2 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि देखने को मिली है।

भारत पर असर

ग्लोबल मार्केट में तेल की कीमत बढ़ने का भारत पर भी असर पड़ता है। इससे तेल आयात करने वाले देशों की अर्थव्यवस्था पर बोझ भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसकी कीमत न्यूनतम कीमत 33.62 डॉलर और अधिकतम 140 डॉलर पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार ग्लोबल मार्केट में मंदी का भारत पर भी असर पड़ेगा। इसके साथ ही ग्लोबल स्तर पर पेट्रोलियम के दाम बढ़ने से भारत की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा बोझ पड़ेगा, जिससे विकास दर प्रभावित हो सकती है।