Rajya Sabha Elections: केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सोमवार को असम से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए. असम से इस सीट के लिए सोनोवाल एकमात्र उम्मीदवार थे और नाम वापस लेने के आखिरी दिन निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें संसद के उच्च सदन के लिए निर्वाचित घोषित किया. इसके साथ, असम से राज्यसभा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सीटों की संख्या बढ़कर तीन हो गयी जबकि उसके सहयोगी असम गण परिषद के पास राज्यसभा की एक सीट है. असम में राज्यसभा की कुल सात सीटें हैं, जिनमें से दो सीटें कांग्रेस के पास हैं और एक सीट पर निर्दलीय सदस्य है

सोनोवाल ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भबेश कालिता के साथ दोपहर में राज्य विधानसभा परिसर से निर्वाचन अधिकारी से चुनाव प्रमाण पत्र लिया. इसके बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सोनोवाल ने कहा कि वह राज्य और लोगों की बेहतरी के लिए काम करते रहेंगे. सोनोवाल (59) को जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में बंदरगाह, जहाजरानी और आयुष मंत्री के रूप में शामिल किया गया था. इससे उनका सांसद बनना आवश्यक हो गया था.

पूर्व मुख्यमंत्री सोनोवाल ने जिस सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, वह असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत डेमरी के उच्च सदन से इस्तीफा देने के कारण खाली हुयी थी. डेमरी ने विधानसभा चुनाव में निर्वाचित होने के बाद उच्च सदन से इस्तीफा दिया था. सोनोवाल भी मई में लगातार दूसरी बार माजुली से विधानसभा के लिए चुने गए थे, लेकिन हिमंत बिस्व सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद वे नयी दिल्ली लौट गए.

TMC लीडर Sushmita Dev देव राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित

इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस की नेता सुष्मिता देव भी सोमवार को पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुनी गईं. अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व प्रमुख रह चुकीं सुष्मिता देव अगस्त में कांग्रेस से टीएमसी में शामिल हुईं थीं. भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया था जिसके बाद उन्हें निर्विरोध निर्वाचित कर दिया गया.

भाजपा ने उम्मीदवार हटाया, कांग्रेस प्रत्याशी का निर्विरोध निर्वाचन तय

महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिये सोमवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपना उम्मीदवार वापस लेने के बाद कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रजनी पाटिल का संसद के उच्च सदन के लिये निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है. मई में कांग्रेस सांसद राजीव सातव के निधन के बाद इस सीट पर उप चुनाव कराना आवश्यक हो गया था. उच्च सदन में उनका कार्यकाल दो अप्रैल 2026 तक था. अगले महीने की चार तारीख को होने वाले उप चुनाव के लिये नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि सोमवार (27 सितंबर) थी.

भारतीय जनता पार्टी ने इस उप चुनाव के लिये संजय उपाध्याय को मैदान में उतारा था और अब चुनाव मैदान से उन्हें हटा लिया गया है. इसके बाद पाटिल (62) के निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता खुल गया है. इस सीट के लिए दो ही उम्मीदवार थे. उपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में कांग्रेस नेताओं ने भाजपा से उम्मीदवार वापस लेने की अपील की थी ताकि कांग्रेस प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो सकें. उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी के निर्देशानुसार मैने अपना पर्चा वापस ले लिया है. मेरी उम्मीदवारी वापस लिये जाने का फैसला प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में किया गया.

पिछले सप्ताह महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और उनकी पार्टी के सहयोगी एवं मंत्री बालासाहेब थोराट ने विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर पाटिल के निर्विरोध निर्वाचन की राह बनाने का आग्रह किया था.

महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सदस्य हैं जिनमें से भारतीय जनता पार्टी के पास 106 सीटें हैं. पाटिल प्रदेश में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी की उम्मीदवार हैं, जिसकी अगुवाई शिवसेना कर रही है. कांग्रेस महा विकास आघाड़ी की एक मुख्य घटक है.