आगरा के थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के आरोप में हिरासत में लिए गए सफाई कर्मी अरुण नरवार की मौत के मामला ने तूल पकड़ा हुआ है। पीड़ित परिवार से मिलने वालों का सिलसिला जारी है। सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सफाई कर्मी के परिवार से मुलाकात की। टिकैत ने मृतक की मां और पत्नी को सांत्वना दी।

पीड़ित परिवार से भेदभाव क्यों ?
राकेश टिकैत ने कहा कि मृतक अरुण के परिजनों को भी 40-50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यूपी में जब सरकार ने लखीमपुर खीरी कांड में मृतक किसानों को 40-40 लाख और कानपुर में मनीष के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देकर मौत की कीमत खोल दी है तो सफाई कर्मी अरुण के साथ भेदभाव क्यों किया ?

टिकैत ने कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश के लिए और किसानों के लिए ये कृषि कानून काले हैं। जब तक कानून वापस नहीं होंगे, संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा का विरोध किया जाएगा।

घर में आने वालों पर सीसीटीवी कैमरों से नजर
मृतक अरुण के पुल छिंगामोदी स्थित घर की सीसीटीवी से निगरानी जा रही है। रविवार को घर में सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। मृतक के भाई बंटी ने बताया कि कुछ लोग कैमरे लगवा रहे हैं। यह कैमरे आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने लगवाए हैं। कार्यकर्ताओं ने बताया कि पार्टी मुखिया के आदेश पर चार कैमरे लगवाए गए हैं।

इनमें दो घर के अंदर गेटों पर हैं, जबकि दो बाहर लगवाए गए हैं, जिससे गली का रास्ता कवर किया जा सके। इसकी डीवीआर और एलईडी अंदर कमरे में लगाई गई है, जिससे घर में आने वालों पर नजर रखी जा सके। परिवार के लोगों को डर है कि पुलिस फिर आ सकती है। उन्हें परेशान किया जा सकता है।

घर के बाहर तैनात है पुलिस-पीएसी
अरुण नरवार के घर के बाहर पुलिस का पहरा लगा हुआ है। पीएसी भी तैनात की गई है। हालांकि बैरियर हटा दिए गए हैं। रविवार को कम ही लोग परिवार से मिलने आए। घर से करुण क्रंदन ही गूंजता रहा।