उमेश पाल हत्याकांड में षड़यंत्रकर्ता सदाकत खान व्हाट्सएप कॉल से अतीक और अशरफ से संपर्क में था। सदाकत के मोबाइल में कई नंबर मिले हैं जिन पर फोटो नहीं है। ऐसे नंबरों को पुलिस संदिग्ध मान रही है।

माना जा रहा है कि जेल में अतीक और अशरफ इन्हीं नंबरों का प्रयोग करते थे। सदाकत को बुधवार को भी जेल नहीं भेजा जा सका। पुलिस का कहना है कि डाक्टरों की सलाह के बाद उसे जेल भेजा जा सकेगा। सदाकत के मोबाइल और सोशल मीडिया से पुलिस को कई जानकारियां मिली हैं।

अतीक के बेटे के साथ उसकी चैटिंग भी पुलिस को मिली थी। व्हाट्सएप पर तमाम ऐसे नंबर मिले हैं जिनसे सदाकत की बात हुई थी, लेकिन अब ये खाली नंबर हैं। पुलिस मानकर चल रही है कि जेल में रहते हुए अतीक और अशरफ सिर्फ एक नंबर का प्रयोग नहीं करते थे। वे बदल बदल कर नंबरों का प्रयोग करते थे।

आपको बता दें कि रविवार को गोरखपुर से सदाकत खान को गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला है कि सदाकत के साथ मिलकर मुस्लिम बोर्डिंग हास्टल के कमरे में उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रची गई थी।

साजिश में साबरमती जेल से अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद अशरफ भी व्हाट्सएप कॉल से शामिल हुए थे। सदाकत के फोन से अतीक के चौथे नंबर के बेटे की चैट भी पुलिस के हाथ लगी है जिसमें कुछ मैसेज डिलीट किए गए हैं। पुलिस मिटाए गए मैसेज का डाटा निकलवा रही है।

अधीक्षक ने कहा जेल में नहीं आया स्मार्ट फोन
बरेली जेल के अंदर अशरफ के पास स्मार्ट फोन कहां से आया, इस बात की जांच हो रही है। हालांकि बरेली जिला जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला अशरफ के पास किसी मोबाइल के न होने का दावा कर रहे हैं। फिलहाल संदिग्ध नंबरों की सीडीआर निकलवाई जा रही है जिसके बाद हत्याकांड से जुड़ी अहम बातें सामने आ सकती हैं।