रामभक्तों के लिए अयोध्या से एक अच्छी खबर आई है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का कार्य जोर-शोर से जारी है। इसी महीने इसके नींव का कार्य पूरा होने की संभावना है और दिसंबर, 2023 से भगवान श्रीराम के इस नए भव्य मंदिर में श्रद्धालु रामलला की पूजा-अर्चना कर पाएंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के सहयोगी के तौर पर मंदिर निर्माण का कार्य देख रहे विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय सह मंत्री गोपाल ने आईएएनएस को बताया कि मंदिर की बुनियाद का कार्य लगभग पूरा होने जा रहा हैं, अभी डेढ़ मीटर राफ्ट का कार्य तेजी से चल रहा है और अगले 15 दिनों में यह कार्य संपन्न हो जाएगा और इसी के साथ मंदिर की नींव के निर्माण का कार्य इसी महीने (नवंबर) में पूरा हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि ट्रस्ट का प्रयास है कि दिसंबर, 2023 तक मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाए, उससे पहले मंदिर निर्माण का कार्य संपन्न कर भगवान को वहां विराजमान करने का लक्ष्य है। मंदिर निर्माण का कार्य देख रहे विहिप नेता ने बताया कि मंदिर के नींव भरने का काम पूरा करने के बाद मिर्जापुर और बेंगलुरु ग्रेनाइट के काम को शुरू किया जाएगा। नींव के निर्माण कार्य की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इसमें 40 फीट की गहराई तक काम हुआ है। वहां से मिट्टी को निकाला गया है और राफ्ट का काम पूरा होने के साथ ही नींव का काम संपन्न हो जाएगा।

मंदिर निर्माण में लगाए जा रहे पत्थरों की जानकारी देते हुए विहिप नेता ने बताया कि बेंगलुरु से ग्रेनाइट आ रहा है। राजस्थान के बंशी पहाड़पुर से पत्थर आए हैं और अभी और भी पत्थर आ रहे हैं। मंदिर के परकोटे के लिए राजस्थान के जोधपुर से पत्थर आना है। मकराने से मार्बल आएगा। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से भी स्टोन आ रहा है।

मंदिर के निर्माण की जानकारी देते हुए विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय सह मंत्री गोपाल ने आईएएनएस को बताया कि यह मंदिर 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा। मंदिर में कुल मिलाकर 5 शिखर होंगे और सबसे ऊंचा शिखर 161 फीट ऊंचा होगा। उन्होंने बताया कि यह मंदिर 3 मंजिला होगा, जिसमें 20-20 फीट के तीन मंजिल बनाए जाएंगे और उसके बाद शिखर होगा।