लखनऊ, 18 सितम्बर 2021

भ्रष्टाचार की बुनियाद पर तैयार की गई गरीबों की आसरा कालोनी बनाने वाले कोई और नहीं बल्कि सपा सांसद आजम खां के करीबी ही हैं। निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर घपलेबाजी सामने आने के बाद अब इन पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। प्रशासन स्तर से हुई जांच की आख्या पुलिस की रिपोर्ट में शामिल करने के आदेश के बाद पुलिस अब इन लोगों पर शिकंजा और कसेगी। इसके लिए अब पुलिस की विवेचना भी तेज कर दी गई है।

सपा शासनकाल के वर्ष 2016 में कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस द्वारा आसरा कालोनी बनवाई गई थी। आसरा कालोनी बनाने के बाद इसे नगर पालिका को हैंड ओवर कर दिया गया था। पिछले सप्ताह चपटा मुहल्ला स्थित आसरा कॉलोनी में ब्लॉक 27 में बने मकान नंबर 227 का छज्जा भरभराकर गिर गया, जिसमें गर्भवती की मौत हो गई थी जबकि, तीन लोग घायल हो गए थे। घटना के बाद जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड़ ने हादसे की जांच के लिए कमेटी गठित की थी। जिसमें अपर जिलाधिकारी प्रशासन, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी और अधिशासी अभियंता जल निगम को शामिल किया गया था।

कमेटी ने जब जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हकीकत यह है कि कालोनी के निर्माण में जमकर धांधली हुई। जिसके चलते मानकों की अनदेखी की गई। कमेटी ने जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। जिसमें निर्माण सामग्री की विस्तृत जांच आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों से कराने की संस्तुति की गई है। दरअसल सीएंडडीएस ने कालोनी के निर्माण का जिम्मा सपा सांसद आजम खां के बेहद करीबी माने जाने वाले ठेकेदार को दिया था। सपा शासन में निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और कालोनी को बसा दिया गया। नतीजा यह हुआ कि पांच साल के भीतर ही कालोनी के मकान जर्जर स्थिति में पहुंच गए और इसी लापरवाही ने एक गर्भवती महिला की जान ले ली। अब चूंकि जांच रिपोर्ट आ चुकी है। ऐसे में यह रिपोर्ट भी पुलिस की विवेचना का पार्ट बनेगी। यही विवेचना अब आजम के करीबी ठेकेदार के साथ ही सीएंडडीएस से जुड़े अफसरों की आफत बढ़ाएगी।

रुड़की की जांच में खुलेगी और पोल

आईआईटी रुड़की की जांच भी निर्माण कार्य में की गई घपलेबाजी की पोल खोलकर रख देगी। क्योंकि अभी तक की तकनीकी जांच में घटिया स्तर की ईंट व सीमेंट के बजाए रेत का इस्तेमाल करने की बात सामने आई है।

डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने बताया, आसरा कालोनी के निर्माण में घपलेबाजी सामने आयी है। जांच रिपोर्ट मिल गई है। अब इसकी उच्च स्तरीय जांच के लिए नगर विकास विभाग को लिखा गया है। जांच रिपोर्ट पुलिस को भेजी जा रही है। यह रिपोर्ट पुलिस की विवेचना में शामिल होगी। इस प्रकरण में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन होगा।