Vishwakarma Puja, Acharya Bhanu Sharma, , Pooja, Muhurat

विश्वकर्मा को दुनिया को सबसे पहला वास्तुकार माना जाता है। विश्वकर्मा ही निर्माण और सृजन के देवता हैं। इन्होंने ही सोने की लंका का निर्माण किया था। विश्वकर्मा एक हस्तलिपि कलाकार थे। जिन्होंने हमें सभी कलाओं का ज्ञान दिया था। इसलिए इस दिन उद्योगों, फेक्ट्र‍ियों और हर तरह के मशीन की पूजा की जाती है।

आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है क्योंकि इसी दिन इनका जन्म हुआ था। पंचांग के अनुसार आज दोपहर 12:54 बजे तक ही विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त है। इसी समय के अनुसार पूजन शुभकारी होगा।

विश्वकर्मा पूजन
विश्वकर्मा पूजा के लिए भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा को विराजित कर इनकी पूजा की जाती है, हालांकि कई अपने कल-पुर्जे को ही भगवान विश्वकर्मा मानकर पूजा करते हैं। इस दिन कई जगहों पर यज्ञ का भी आयोजन किया जाता है।

➤इस दिन पूजा में बैठने से पहले स्‍नान कर लें और भगवान विष्‍णु का ध्‍यान करने के बाद एक चौकी पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्‍वीर रखें।
➤इसके बाद अपने दाहिने हाथ में फूल, अक्षत लेकर मंत्र पढ़े और अक्षत को चारों ओर छिड़के दें और फूल को जल में छोड़ दें।
➤इसके बाद हाथ रक्षासूत्र मौली या कलावा बांधे। फिर भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करने के बाद उनकी विधिव‍त पूजा करें।
➤पूजा के बाद विविध प्रकार के औजारों और यंत्रों आदि को जल, रोली, अक्षत, फूल और मि‍ठाई से पूजें और फिर विधिव‍त हवन करें।