नौसेना

आज बृहस्पतिवार को पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए कुलभूषण जाधव मामले में हेग स्थ‍ित अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) दोपहर साढ़े तीन बजे अपना फैसला सुनाएगा।

माना जा रहा है कि विएना संधि का उल्लंघन करके जाधव को फांसी की सजा सुनाने वाले पाकिस्तान को आज फिर अंतरराष्ट्रीय अदालत में मुंह की खानी पड़ सकती है। बता दें कि इससे 18 साल पहले भी अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत ने पाकिस्तान को पटखनी दी थी।

आज आएगा कुलभूषण जाधव मामले पर ICJ का फैसला

सोमवार को नीदरलैंड के हेग की अंतररार्ष्ट्रीय अदालत में कुलभूषण जाधव मामले पर सुनवाई खत्म हो गई है। सुनवाई में भारत ने अपनी मजबूत दलीलें रखीं। भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने भारत का पक्ष रखा था। भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने पूर्व नौसैनिक अधिकारी से राजनयिक से मिलने के लिए 16 बार आवेदन किया, लेकिन उसने खारिज कर दिया, जो विएना संधि का उल्लंघन है। आज भी वह इस पर पैरवी करेंगे।

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वहीँ, पाक के वकीलों ने जाधव पर आतंकवाद के आरोपों को जायज ठहराते हुए फांसी के फैसले को जायज ठहराया। पाकिस्तान ने इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय अदालत के अधिकार क्षेत्र को भी चुनौती दी और दावा किया कि इस मामले में वियना संधि लागू नहीं होती। पाकिस्तान ने यह भी दलील दी कि यह उसके राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है। लिहाजा इस पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को दखल देने का कोई हक नहीं है।

आपको तो पता होगा कि जाधव मामले को लेकर भारत और पाकिस्तान 18 साल बाद एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय अदालत में आमने-सामने हैं। 10 अगस्त 1999 को पाकिस्तानी नौसेना का टोही विमान भारतीय क्षेत्र में घुस आया था, जिसे भारतीय वायुसेना ने मार गिराया था। इस घटना में विमान में सवार 16 पाकिस्तानी नौसैनिकों की मौत हो गई थी। इस पर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय अदालत गया था। PAK का दावा था कि भारत ने उसके वायुक्षेत्र में इस विमान को मार गिराया है, उसने इस नुकसान के एवज में छह करोड़ रुपये डॉलर के मुआवजे की मांग की थी।

हालांकि अंतरराष्ट्रीय अदालत ने यह कहते हुए इसमें दखल देने से मना कर दिया था कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। अदालत की 16 जजों की पीठ ने 21 जून 2000 को 14-2 से पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया।