rajeev shukla

चेन्नई। ‘आईपीएल चैयरमैन राजीव शुक्ला किस तरह आईपीएल संचालन परिषद के अध्यक्ष बने हुए हैं। जब श्रीनिवासन ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए बीसीसीआई और टीएनसीए से इस्तीफा दे दिया तो राजीव शुक्ला क्यों इस पद से चिपके हुए हैं जबकि उन्हें यूपीसीए और आईपीएल से पहले ही अयोग्य करार दिया जा चुका है।’ यह सवाल उठाया है बिहार के क्रिकेटरों को मुख्यधारा में उतारने के लिए बड़ी लड़ाई लड़ने वाले क्रिकेट एसोसिएशन आफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने।

उन्होंने सोमवार को आरोप लगाया कि बीसीसीआई के सचिव अमिताभ चौधरी के सामने प्रशासकों की समिति (सीओए) की भी नहीं चल रही है। उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि अमिताभ और अन्य के खिलाफ मेरी अवमानना याचिका छह महीने से उच्चतम न्यायालय में लंबित पड़ी है। मैंने प्रमाणों के साथ सीओए को कई पत्र भेजे हैं। लेकिन मुझे एक का भी जवाब नहीं मिला है।’

आदित्य ने यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि बीसीसीआई का संचालन संभाल रहे सीओए को अमिताभ चौधरी की मौजूदगी ने अक्षम साबित कर दिया है। उन्होंने कहा,’ मैं सीओए की आलोचना नहीं करना चाहता हूं लेकिन तथ्य यह है कि एक साल से अधिक समय बीत चुका है और सीओए लोढ़ा की सिफारिशों को बीसीसीआई में लागू करने के उच्चतम न्यायालय के आदेशों को क्रियान्वित नहीं कर पाया है।’

बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को उनके पद से हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आदित्य ने यह भी आरोप लगाया कि अमिताभ ने अपनी कुछ वफादार राज्य इकाईयों और एक पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष के समर्थन से बोर्ड पर जैसे कब्जा ही कर लिया है। उन्होंने कहा,’ अमिताभ के निहित स्वार्थों के चलते कुछ भी नहीं हो पा रहा है। यहां तक सीओए भी कुछ करने में नाकाम साबित हो रहा है। आदित्य ने आरोप लगाया कि सीओए ने भी उच्चतम न्यायालय के चार जनवरी 2018 के आदेशों का उल्लंघन किया है। बीसीसीआई को संचालित करने वाली संस्था सीओए ने बिहार की विजय हजारे ट्राफी में भागीदारी को लेकर कुछ नहीं किया और आईपीएल नीलामी में भी बिहार के क्रिकेटरों को कोई जगह नहीं मिली। आदित्य ने आईपीएल में वापसी करने वाली चेन्नई सुपर किंग्स की टीम और उसके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को आगामी आईपीएल के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।