साध्वी के बलात्कार मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को कल सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार कर दिया है। फैसला आने के तुरंत बाद अय्याश बाबा के बिगड़ैल भक्तों ने तांडव मचाना शुरू कर दिया। जगह-जगह आगजनी की ,तोड़फोड़ की और तो और सड़कों से लेकर अस्पतालों तक लाशों के ढेर लगा दिए।सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को पंचकूला में 27 लोगों की मौत हो गई है। जिनमे से 17 लाशें अभी भी पंचकूला के सिविल अस्पताल में लावारिस रूप से रखी है। उन 17 लाशों में से किसी की भी शिनाख्त नहीं हो पायी है। पर हॉस्पिटल के कर्मचारियों के मुताबिक़ मतृकों की जेब में पड़े मोबाइल फ़ोन पूरी रात बजते रहे। उन अज्ञात लाशों के परिजन अपने परिवार के सदस्य का हाल जानना चाह रहे थे पर उन्हें ज़रा सा भी इल्म नहीं था कि वो जिनको कॉल कर रहे हैं वो मृत शख्स आज के बाद किसी की भी कॉल नहीं रिसीव कर पायेगा।हरियाणा में भारी तनाव और हिंसा के चलते कर्फूय लगा दिया गया था, जिसके कारण अस्पताल के आला अधिकारियों ने स्टाफ को सख्त आदेश दिया था कि लाशों के जेब में पड़ा फोन चाहे कितनी ही बार बजता रहे पर कोई भी कॉल नहीं रिसीव की जायेगी।अधिकारियों का कहना है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो कर्फ्यू के बावजूद हॉस्पिटल में लोगों की भीड़ लग जाएगी।लाशों की स्थिति बेहद बिगड़ी हुई है। मृतकों के गर्दन, छाती और पीठ में गोली लगी है और शरीर के बाकी हिस्सों में भी गंभीर जानलेवा चोटें लगी हैं।
अब तक उनमे से किसी भी लाश की शिनाख्त नहीं हो पायी है इसलिए लाशों की पहचान होने के बाद इनका पोस्टमॉर्टम किया जायेगा। इनमें से ज्यादातर गांववाले हैं, जिनके पास अपनी पहचान का कोई दस्तावेज नहीं है।हॉस्पिटल सूत्रों के मुताबिक 4.30 बजे के बाद से ही एम्बुलेंस में सैकड़ों की संख्या में घायल लोगों को अस्पताल लाया जा रहा था और घंटे दर घंटे हालात बद से बदत्तर होते जा रहें हैं। सैनिटेशन डिपार्टमेंट के स्टाफ के मुताबिक ये बेहद खौफनाक और दर्दनाक मंजर था। इनमें से कई लोगों की मौत हो चुकी थी। वॉर्ड के पूरे फर्श में खून बिखरा पड़ा था।

इमेरजेंसी वॉर्ड के अंदर 100 से ज्यादा लोग स्ट्रेचर पर घायल पड़े थे। किसी के सर में तो किसी के सीने में गंभीर चोटें लगी हैं। उनमें से भी कई की हालत नाज़ुक बताई जा रही है। इनमें से कई लोगों की मौत हो चुकी थी. वॉर्ड के पूरे फर्श में खून बिखरा पड़ा था।

हॉस्पिटल के लाख सावधानी बरतने के बावजूद भी इमरजेंसी में घायलों और मृतकों के परिजनों की भीड़ इतनी बढ़ गई थी कि पुलिस को उन्हें बाहर खदेड़ना पड़ा और हॉस्पिटल के गेट पर बैरिकेड लगाने पड़े।आपको बता दें कि अगले कुछ दिनों तक हॉस्पिटल के सारे डॉक्टर्स की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई है।