अफ्रीका

बीजेपी के सामने अब अगली चुनौती अपनी पसंद का राष्ट्रपति बनवाने की है. लेकिन पार्टी के लिए राष्ट्रपति भवन में अपनी पसंद के उम्मीदवार को पहुंचाना आसान नहीं है. लोकसभा और कई विधानसभाओं में प्रचंड बहुमत है.

बीजेपी की रणनीति
बीजेपी की नजर 9 अप्रैल को 12 विधानसभा और 3 लोकसभा सीटों के उप-चुनाव पर भी है. इसलिए पार्टी चाहेगी कि बीजेपी इनमें से ज्यादा से ज्यादा सीटें जीती जाएं ताकि राष्ट्रपति चुनाव के लिए जरूरी वोटों के अंतर को कम किया जा सके. नौ अप्रैल को जिन सीटों पर उप-चुनाव हैं उनके वोटों की कुल कीमत करीब 4 हजार बैठती है. दो महीने बाद होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के लोकसभा से इस्तीफे नहीं करवाए गए हैं. मनोहर पारिकर की भी सदस्यता बरकरार है. योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य और पर्रिकर के इस्तीफे रुकवाकर बीजेपी ने 2100 वोटों की कमी पूरी कर ली है.

जानें राष्ट्रपति चुने जाने का गणित
राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया के मुताबिक इन वोटों की कुल कीमत 10.98 लाख है. कुल 4896 लोग मिलकर नया राष्ट्रपति चुनेंगे. राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 776 सांसदों के अलावा विधानसभाओं के 4120 विधायक वोट डालेंगे. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी और सहयोगी पार्टियों के पास कुल 5.53 लाख है.
बीजेपी को अपनी पसंद का राष्ट्रपति बनवाने के लिए 5.49 लाख कीमत के बराबर वोटों की दरकार है.

शिवसेना कह चुकी है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनवाया जाना चाहिए.