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नई दिल्ली: मोदी सरकार के आखिरी पूर्ण बजट में मिडिल क्लास को बड़ा झटका मिला है. इस बजट से आम लोगों को काफी उम्मीदें थीं लेकिन कोई राहत नहीं मिली है. किसानों और गरीबों के लिए कई सारे लुभावने वादे किए गए हैं लेकिन मध्यमवर्ग खासकर नौकरीपेशा के लिए कुछ भी नहीं है.

नौकरीपेशा लोगों को लिए कुछ ऐसा रहा बजट
– न आयकर छूट की सीमा बढ़ी
– न टैक्स स्लैब में कोई बदलाव हुआ
– राहत सिर्फ इतनी कि 40 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन होगा
– यानी कुल आमदनी में से 40 हजार कम करके टैक्स लगेगा
– लेकिन 15 हजार के मेडिकल बिल पर मिलने वाली छूट बंद हो गई
– 19200 रुपए का ट्रांसपोर्ट भत्ता भी खत्म हो गया
– शिक्षा और स्वास्थ्य सेस 3 से बढ़कर 4 प्रतिशत हो गया

इनकम टैक्स में क्या हुआ नफा-नुकसान
स्टैंडर्ड डिडक्शन के नाम पर थोड़ा बदलाव जरूर आया है. स्टैंडर्ड डिडक्शन में आपको 40 हजार रुपये की छूट दी जाएगी. जिसका मतलब हुआ कि आपकी कुल सैलरी में से 40 हजार रुपये घटाकर टैक्स का कैलकुलेशन किया जाएगा. 2.5 लाख रुपये तक की आमदनी ही टैक्स फ्री होगी. 10 लाख रुपये से ज्यादा आमदनी पर पहले की तरह ही 30 फीसदी का टैक्स देना होगा. अरुण जेटली ने स्टैंडर्ड डिडक्शन स्कीम की दोबारा शुरूआत की है जिसे 2005 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने खत्म कर दिया था.

स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत छूट 40000 रुपये है लेकिन सरकार ने 15 हजार का मेडिकल और 19200 का ट्रांसपोर्ट अलाउंस खत्म कर दिया है. 40 हजार की छूट देने और 34200 रुपये का अलाउंस खत्म करने के बाद आपके हाथ में आया कुल 5800 रुपये. अब इस 5800 रुपये को आप टैक्स फ्री इनकम 2.5 लाख में जोड़ सकते हैं. इसका मतलब नए बजट के मुताबिक आपकी टैक्स फ्री आमदनी 255800 रुपये होगी.

सेस का गणित
शिक्षा और स्वास्थ्य के नाम पर लगने वाले 3 फीसदी सेस के अब 4 फीसदी कर दिया गया है. यानी अगर आपका टैक्स अमाउंट एक हजार रुपये है तो पहले आप 1030 रुपये का टैक्स अदा करते थे लेकिन अब आपको 1040 रुपये टैक्स देना पड़ेगा. यानी एक तरफ स्टैंडर्ड डिड़क्शन के नाम पर सरकार ने जो दिया सेस के नाम पर उसका कुछ हिस्सा वापस ले लिया.