Ministry of Railways U turn on IRCTC: रेल मंत्रालय ने IRCTC के convenience फीस का 50 फीसदी हिस्सा लेने का अपना निर्णय वापस ले लिया है. इसके पहले रेल मंत्रालय ने IRCTC से कहा था कि टिकट बिक्री से मिलने वाली convenience फीस का 50% हिस्सा रेल मंत्रालय को देना होगा. रेलवे के इस फैसले से शुक्रवार को IRCTC के शेयरों भूचाल आ गया और यह 29 फीसदी तक टूट गए थे.

निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया, ‘रेल मंत्रालय ने IRCTC convenience फीस पर लिया अपना फैसला वापस ले लिया है.’

Ministry of Railways has decided to withdraw the decision on IRCTC convenience fee pic.twitter.com/HXIRLxXTlL

— Secretary, DIPAM (@SecyDIPAM) October 29, 2021

गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले को शेयर बाजार ने काफी नकारात्मक रूप में लिया. इस फैसले की चौरतरफा आलोचना होने लगी. सोशल मीडिया पर इससे जुड़े मीम की बाढ़ आ गई.

क्या कहा था रेल मंत्रालय ने 

असल में, रेल मंत्रालय ने IRCTC से कहा था कि टिकट बिक्री से मिलने वाली convenience फीस का 50% हिस्सा रेलवे (रेल मंत्रालय) को देना होगा. इस फैसले से टिकटिंग मार्जिन 85% से घटकर 48% होने का अनुमान लगाया गया. इसकी वजह से आज IRCTC के शेयर में भारी गिरावट देखी गई. शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में ही इसका शेयर 29 फीसदी टूटकर 650.10 रुपये तक चला गया.

गौरतलब है कि रेलवे के टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग सिर्फ इंडियन रेलवेज कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के द्वारा होती है. इसके द्वारा ट्रेनों में खाने-पीने का सामान भी मुहैया किया जाता है.

IRCTC ने गुरुवार को बीएसई को बताया था कि अब वह अपने प्लेटफॉर्म से टिकट बुकिंग से मिलने वाले convenience फीस को 50:50 के अनुपात में सरकार से शेयर करेगी. यह फैसला 1 नवंबर से लागू होना था.

कितनी होती है कमाई 

साल 2019-20 में IRCTC ने convenience फीस से 352 करोड़ रुपये कमाए थे. इस साल यानी  2020-21 में अगस्त तक IRCTC को इससे 299 करोड़ रुपये मिल चुके हैं.