बैठक

CBSE से 12वीं क्लास का एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स का इंतजार अभी खत्म नहीं हुआ है। ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि 23 मई को CBSE 12वीं क्लास के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे पर ग्रेस मार्क्स पर दिल्ली हाई कोर्ट के ऑर्डर ने CBSE से 12वीं की परीक्षा देने वाले 10 लाख 98 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स का इंतजार बढ़ा दिया है।

यह सारा मामला ग्रेस मार्क्स का है। CBSE ने हाल ही में यह फैसला लिया था कि इस बार 10वीं और 12वीं की अतिरिक्त अंक नीति (मॉडरेशन पॉलिसी) को खत्म कर दिया जाए। बता दें कि मॉडरेशन पॉलिसी से ग्रेस मार्क्स (अतिरिक्त अंक) दिए जाते हैं। दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि सत्र शुरू होने के बाद ग्रेस मार्क्स का नियम हटाना ठीक नहीं इसे अगले सत्र से जारी किया जाना चाहिए।

मॉडरेशन पॉलिसी के तहत तीन श्रेणियों में ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं। CBSE हाई कोर्ट के तीसरे श्रेणी पर फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाला है।
तीसरी श्रेणी में कठिन सवाल पर छात्रों को अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि नीति को खत्म करना है तो इसे अगले सत्र से किया जाए। इस सत्र में छात्रों ने जब प्रवेश लिया था तब उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

सूत्रों का कहना है कि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि विशेषज्ञों की राय के आधार पर फैसले को चुनौती दी जाए। बोर्ड स्पेशल लीव पटीशन के जरिये सुप्रीम कोर्ट को बताएगी कि उसने क्यों नीति को खत्म करने का फैसला लिया।