पार्टियों

ईवीएम के मुद्दे पर चुनाव आयोग की सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई। शुक्रवार को चुनाव आयोग की सर्वदलीय बैठक में बीजेपी से भूपेन्द्र यादव, जेडीयू से केसी त्यागी, आम आदमी पार्टी से मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज, एनसीपी से डीपी त्रिपाठी और बीएसपी से सतीश चंद्र मिश्र शामिल हुए। इस बैठक के लिए 7 राष्ट्रीय दलों और 48 क्षेत्रीय दलों सहित कुल 55 पार्टियों को आमंत्रित किया गया था।

बैठक की शुरुआत मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के भाषण से हुई। बैठक में 7 राष्ट्रीय पार्टियों के अलावा 48 मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय पार्टियों में से 35 लोग शामिल हुए। बैठक में सभी पार्टियों के लोगों को बोलने के लिए 5 मिनट का वक्त दिया गया था।

बैठक में ईवीएम में छेड़छाड़ के अलावा वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के प्रस्तावित इस्तेमाल के बारे में बात की। इसके बाद आईआईटी से बुलाए गए आईटी विशेषज्ञों ने प्रतिनिधियों को ईवीएम में इस्तेमाल होने वाले सुरक्षा मानकों के बारे में बताया।

सौरभ भारद्वाज अब VVPAT से चुनाव कराने की बात कर रहे हैं। लेकिन बीएसपी बैलेट पेपर से चुनाव कराने के पक्ष में है। बता दें कि अभी तक सौरभ भारद्वाज ईवीएम में टेंपरिंग की बात कर थे लकिन उन्होंने यहाँ मुद्दा बदल दिया। वहीं जेडीयू के केसी त्यागी ने कहा कि चुनाव आयोग विश्वास बहाल करे।

ईवीएम पर चर्चा के साथ ही चुनाव आयोग की कोशिश ये है कि चुनावों में पैसे के लेनदेन को संज्ञेय अपराध बनाया जाए और चंदे का सिस्टम पारदर्शी हो।

ये हैं अहम बिन्दू-

1.) चुनावों में रिश्वत संज्ञेय अपराध बने।
2.) प्रतिनिधित्व क़ानून में रिश्वत के मामलों में नई धारा जोड़ी जानी चाहिए।
3.) आयोग को रिश्वतखोरी पर चुनाव रद्द करने तक का हक मिलना चाहिए।
4.) चुनाव में रिश्वतखोरी पर आरोप तय होते ही विधायक-सांसद अयोग्य हो।
5.) राजनीतिक दलों के चंदे में और पारदर्शिता आए।
6.) 20 करोड़ से ज्यादा कैश चंदा नहीं होना चाहिए या साल के कुल चंदे का 20% से ज्यादा कैश नही होना चाहिए।
7.) 2000 रुपये से ऊपर का गुमनाम चंदा नही होना चाहिए।
8.) चुनावी ख़र्च के लिए उम्मीदवार का अलग बैंक खाता हो।
9.) ईवीएम से VVPAT सिस्टम जोड़ा जाना चाहिए।

EVM और सवालों पर चुनाव आयोग के पास हैं अपने तर्क-

1.) ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है।
2.) ईवीएम कंप्यूटर से नहीं चलता है।
3.) मशीन इंटरनेट से जुड़ी नहीं है।
4.) न फ्रिक्वेंसी रिसीवर है, न वायरलैस या बाहरी डेटा पोर्ट है।
5.) ईवीएम बनाने वाले भी छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं।
6.) बनाने वाले को नहीं पता कौन कहां से उम्मीदवार होगा।
7.) चिप में ट्रॉजन हॉर्स नहीं डाला जा सकता है।
8.) 2013 के बाद की ईवीएम में नई सुरक्षा प्रणाली लागू है।
9.) ओटीपी माइक्रोकंट्रोलर, डायनेमिक कोड भी है।
10.) छेड़छाड़ से 100% सुरक्षित है।
11.) विदेशों में बनी ईवीएम इस्तेमाल नहीं होती है।
12.) कई देशों में ईवीएम इसलिए नहीं है क्योंकि वो इंटरनेट से जुड़ती थी।
13.) स्थानीय निकाय चुनाव में चुनाव आयोग की ईवीएम इस्तेमाल नहीं होती है।
14.) चार चरणों में छानबीन होती है।
15.) 1000 वोटों का नकली चुनाव नुमाइंदों की मौजूदगी में
16.) विधानसभाओं में भेजने से पहले ईवीएम मिला दी जाती हैं।
17.) कड़ी सुरक्षा में स्ट्रांग रूप में रखी जाती हैं।
18.) मतगणना केंद्रों में नुमाइंदों को मुहर दिखाई जाती है।
EVM मुद्दे पर विपक्ष एकजुट नहीं दिख रहा है। एक ओर आम आदमी पार्टी ने ईवीएम में छेड़छाड़ कर दिखाने की बात कही है। तो वहीं ज़्यादातर विपक्षी पार्टियां ईवीएम के साथ पेपर बैक अप मशीन लगाने पर भी ज़ोर दे रही हैं।

आपको बता दें कि गुरुवार को आप कार्यकर्ताओं ने ईवीएम को बंद कराने की मांग को लेकर चुनाव आयोग के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया था। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व गोपाल राय ने किया था। कार्यकर्ताओं ने आयोग के सामने ईवीएम में गड़बड़ी और वोटों की चोरी को लेकर नारेबाजी की, इसके साथ ही लोकतंत्र की हत्या बंद करो जैसे नारे भी लगाए गए थे।