भारतीय खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा अपने 50वें टेस्ट की तैयारी में है। तीसरे नंबर का यह बल्लेबाज इस बात से खुश है कि उनकी सबसे ज्यादा आलोचना करने वाले पिता अब इतने सख्त नहीं हैं, जितने वह हुआ करते थे।

पुजारा ने अपने पिता के योगदान के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मेरे पिता हमेशा मेरे सर्वश्रेष्ठ और खराब आलोचक रहे हैं। कभी कभार वह काफी आलोचना करते हैं, लेकिन अब हमारी आपसी समझ ऐसी हो गयी है, जिसमें हम हमेशा बातचीत के बाद निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं और अब वह इतने ज्यादा सख्त नहीं हैं।’

पुजारा ने कहा, ‘अभी तक का सफर शानदार रहा है। देश के लिए 50वें टेस्ट मैच में खेलना मेरे लिए गर्व का क्षण है। हां, इसमें उतार-चढ़ाव रहे हैं, लेकिन मेरी हाल की अच्छी फॉर्म को देखते हुए मैं अपने 50वें टेस्ट में कुछ रन जुटाने के लिये प्रतिबद्ध हूं।’

उन्होंने कहा, ‘चोटिल होना मेरे करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण समय रहा। मैं घुटने की चोट के कारण छह महीने तक बाहर रहा और फिर दोबारा 2011 में मैं फिर 6 महीने के लिए बाहर हो गया। मैं पूरे साल नहीं खेल सका, जो मेरे लिए काफी कठिन था।’

पुजारा ने कहा, ‘जब आप चोटिल होते हो, तो आपको दोबारा से लय में आने की जरूरत होती है। चोट मेरे करियर का सबसे कठिन हिस्सा थी, लेकिन अब मैं इससे बाहर निकल गया हूं और अपनी फिटनेस पर काम कर रहा हूं।’

अभी तक पुजारा ने 49 टेस्ट मैचों में 52.18 के औसत से 3966 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक शामिल हैं।