मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मारपीट विवाद का वीडियो वायरल होने के बाद कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को तलब कर लिया है। बुधवार को सीएम उनसे पूरे विवाद के बारे में स्पष्टीकरण लेंगे। सीएम ने घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने ताकीद किया है कि पूरे प्रकरण की कायदे से जांच हो। इस मामले में किसी भी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने साफ किया कि वह इस मामले में भेद-भाव एवं पक्षपातपूर्ण कार्रवाई किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री बुधवार को नई दिल्ली से लौट आएंगे।

भाजपा अध्यक्ष बोले, सार्वजनिक स्थलों पर संयमित आचार-व्यवहार जरूरी

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के हाथापाई मामले की कड़े शब्दों में निंदा की। साथ ही उन्होंने यह अपेक्षा भी की कि सार्वजनिक स्थलों पर सभी को संयमित आचार-व्यवहार करना चाहिए। भट्ट ने कहा कि जिस तह से कैबिनेट मंत्री और युवक के बीच विवाद ने तूल पकड़ा और नौबत हाथापाई तक पहुंची, यह दुखद है। कैबिनेट मंत्री पर हुए हमले को लेकर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ऐसी घटनाओं से अच्छा संदेश नहीं जाता है।

विवादों से पुराना नाता

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल विवादों के कारण लगातार चर्चाओं में रहे हैं। इससे पहले वह विधानसभा में बैकडोर भर्ती के मामले में मीडिया में दिए बयान को लेकर विवादों में आए थे। इसके बाद उन्होंने बयानों में काफी संयम बरता। लेकिन अब फिर नए विवाद में आ गए। वह 2018 में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए अपने बेटे की उपनल के माध्यम से जल संस्थान में नौकरी को लेकर विवादों में आए। 2019 में ऋषिकेश में ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के एक कार्यक्रम के दौरान उनकी और तत्कालीन सरकार में दायित्वधारी भगत राम कोठारी की सड़क पर ही तीखी झड़प का वीडियो वायरल हुआ था। यह विवाद केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा था। वर्तमान सरकार में जर्मनी दौरे पर जाने से पहले अग्रवाल ने शहरी विकास विभाग में 74 ट्रांसफर कर दिए, जिस पर सीएम धामी ने रोक लगा दी थी। एम्स में ट्रांजिट कैंप का काम रुकवाने को लेकर भी अग्रवाल विवादों में आए थे।