जोशीमठ में भू-धंसाव ने भगवान बदरी विशाल के खजाने को लेकर भी चिंता बढ़ा दी थी, लेकिन अब नृसिंह मंदिर में मौजूद भगवान बदरीनाथ के खजाना को अन्यत्र शिफ्ट नहीं किया जाएगा। मंदिर व अन्य परिसंपत्तिया अभी तक पूरी तरह से सुरक्षित है। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का कहना है कि वह हालात पर पूरी नजर रखे हुए हैं।

बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि दरारों से प्रभावित जोशीमठ में स्थिति काफी नाजुक है लेकिन नृसिंह मंदिर सुरक्षित है। इसलिए, भगवान बदरीनाथ का खजाना अन्यत्र शिफ्ट करने की अभी कोई योजना नहीं है। उन्होंने बताया कि स्थानीय हालात की प्रत्येक दिन की जानकारी प्राप्त की जा रही है।

बीकेटीसी के अध्यक्ष ने कहा कि अगर, जोशीमठ की स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर हुई तभी खजाना को अन्यत्र शिफ्ट किया जाएगा। खजाना को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने को लेकर समिति को पांडुकेश्वर से भी प्रस्ताव मिला है।

लगातार धंस रहा जोशीमठ बदरीनाथ धाम का प्रवेश द्वारा है। चारधाम यात्रा के दौरान जोशीमठ में लाखों श्रद्धालु जुटते हैं।
श्रद्धालु यहां नृसिंह मंदिर के दर्शन करने के बाद ही बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा शुरू करते हैं। बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल का कहना है कि बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा तभी सफल मानी जाती है जब पहले नृसिंह भगवान के दर्शन कर लिए जाएं।
हालांकि अभी मंदिर भू-धंसाव से बचा हुआ है, लेकिन मंदिर के शंकराचार्य गद्दी स्थल के पास हल्की दरारें देखी गई हैं। वहीं, खतरे को देखते हुए नृसिंह मंदिर परिसर में सभी बड़े आयोजनों पर रोक लगा दी गई है।
श्री बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुजनों के सुझाव पर जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार के आयोजन व गतिविधि पर बिना अनुमति के रोक लगा दी गई है।