वरिष्ठ आईएफएस अनूप मलिक को वन विभाग का प्रभारी हॉफ बनाया गया है। वह मंगलवार को चार्ज संभालेंगे। इससे पहले प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) पद को लेकर शासन में डीपीसी हुई। फाइल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अनुमोदन लिया जाना बाकी है।

वन सचिव विजय यादव की ओर से इसके आदेश जारी किए गए हैं। अनूप मलिक के पास मुख्य परियोजना निदेशक जायका का भी प्रभार है। सोमवार देर शाम हॉफ के पद को लेकर डीपीसी भी हुई। ऐसे में माना जा रहा है कि वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए पीसीसीएफ अनूप मलिक के नाम पर ही मुहर लगी है। फिलहाल उन्हें प्रभारी हॉफ के तौर पर तैनाती दी गई।

इससे पहले बीते दिनों हॉफ की कुर्सी को लेकर दो सीनियर आईएफएस राजीव भरतरी और विनोद कुमार सिंघल की लड़ाई हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची। हाईकोर्ट के आदेश पर भरतरी को पुन: हॉफ की कुर्सी सौंपी गई तो विनोद कुमार सिंघल सुप्रीम कोर्ट से स्थगन आदेश ले आए।

हॉफ की कुर्सी से विनोद कुमार सिंघल 30 अप्रैल को रिटायर हो गए। जबकि राजीव भरतरी भी इसी दिन जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर रिटायर हुए। सोमवार को नए हॉफ को लेकर वन मुख्यालय में कई तरह की चर्चाएं थीं। लेकिन प्रभारी हॉफ के आदेश देर शाम को ही हो पाए। प्रभारी हॉफ बनाए जाने के बाद देर शाम अनूप मलिक ने यमुना कॉलोनी स्थित वन मंत्री सुबोध उनियाल के आवास पर पहुंचकर उनसे शिष्टाचार भेंट की।

सात साल बाद फिर खाली रही हॉफ की कुर्सी

प्रभारी हॉफ बनाए गए अनूप मलिक मंगलवार को चार्ज संभालेंगे। शासन स्तर पर एक मई को देर शाम आदेश जारी कर दिए गए, लेकिन प्रदेश में ऐसा सात साल बाद होगा, जब हॉफ की कुर्सी एक दिन या उससे अधिक दिन तक खाली रही। इससे पहले वर्ष 2015 में हाॅफ की कुर्सी तीन दिन खाली रही थी। उस समय 31 अक्तूबर को श्रीकांत चंदौला हॉफ की कुर्सी से रिटायर हुए थे, जबकि उनके बाद हॉफ बनाई गईं वीना शेखरी ने चार नवंबर को चार्ज संभाला था।