सुब्रमण्यम स्वामी

कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर का मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता सब्रमण्यम स्वामी की सुनंदा पुष्कर मौत मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गृह मंत्रालय, सीबीआई और दिल्ली पुलिस से मामले से संबंधित जाच पर जवाब दायर करने का आदेश दिया है।

यदि बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका में की गई मांग को दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया तो सीबीआई की अगुवाई मे एसआईटी सुनंदा की मौत के रहस्य की जांच कर सकती है। सुनंदा पुष्कर की रहस्यमयी मौत के साढ़े तीन साल बीतने के बाद सुब्रमण्यम स्वामी की दिल्ली हाइकोर्ट मे सीबीआई जांच के लिए लगाई गई याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस,होम मिनिस्ट्री को नोटिस दिया है। दिल्ली पुलिस से कोर्ट ने अब तक की जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। दिल्ली पुलिस अभी तक इस मामले में अब तक इस मामले में चार्जशीट भी फाइल नही कर पाई है।

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को पेश होने का निर्देश-
कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को अगली सुनवाई मे पेश होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से अब तक की जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी देने को कहा है। हालांकि हाइकोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी को ये भी कहा कि आप कोर्ट इतना देर से क्यों आये? स्वामी ने कहा कि वो सारी कोशिशें करने के बाद आख़िर मे कोर्ट की शरण मे आये हैं। स्वामी ने कहा कि शशि थरूर अभी भी एमपी हैं और उनके राज्य में उन्ही की पार्टी की सरकार है, लिहाज़ा शुरू से अब तक जांच को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। पुष्कर मौत से पहले आईपीएल से जुड़े घोटाले का खुलासा करना चाहती थीं, जिसमे कई बड़े नाम शामिल थे।

सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में ये भी दलील दी है कि पुष्कर की मौत जनवरी 2014 में हुई, जबकि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर 2015 में रजिस्टर की। वहीं मौत के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा किसी प्रकार की विजलेंस जाच नही की गई। न ही कोई कमिटी बनाई और जिस दिन पुष्कर की मौत हुई, उस दिन उनके होटल के फ्लोर का सीसीटीवी खराब था। ऐसे में पुष्कर की मौत किन वजह से हुई ये जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है। फिलहाल, ये देखना काफी अहम होगा कि पुष्कर की मौत से जुड़े जाच रिपोर्ट में तमाम एजेंसियां अपना क्या पक्ष रखती हैं। 20 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई होगी।