भगवान

भगवान की पूजा और ध्यान से न केवल हमें शक्ति मिलती है बल्कि इससे दिमागी और धार्मिक रूप से संतुष्टि भी मिलती है। इसलिए कहा जाता है कि घर में भगवान की सही मूर्ति रखनी चाहिए। वास्तु के अनुसार मंदिर घर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। इसलिए वास्तु के अनुसार इस जगह के कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।

वास्तु के अनुसार तो घर के उत्तर-पूर्व कोने में पूजा घर होना चाहिए। हम बात कर रहें हैं कि घर में कौन सी मूर्ती नहीं रखनी चाहिए। तो हम आपको बताएंगे कि घर में किस भगवन की मूर्ती नहीं होनी चाहिए।

शनि भगवान की मूर्ति: घर के मंदिर में आप शनि देव पूजा जरूर करते होंगे। लेकिन ज्योतिषियों की मानें तो घर में इनकी मूर्ति नहीं लगानी चाहिए।

मां काली की मूर्ति: घर में मां दुर्गा के विध्वंशक रूप की मूर्ति या तस्वीर घर में नहीं लगानी चाहिए। कहा जाता है कि घर में मां दुर्गा की प्रतिमा लगा सकते हैं। भगवान भैरव भगवान शिव का प्रतीक हैं। कहा जाता है कि इनकी पूजा तंत्र-मंत्र से होती है। इसलिए घर में इनकी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए।

देवी लक्ष्मी के खड़ी अवस्था में मूर्ति: घर में देवी लक्ष्मी की खड़ी अवस्था में मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। हो सके तो देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और सरस्वती देवी के बैठे हुए स्वरूप की मूर्ति रखनी चाहिए।

भगवान शिव की नटराज की मूर्ति: भगवान शिव की मूर्ति उनके विध्वंशक रुप को दर्शाती है। कहा जाता है कि नटराज रूप में भगवान शिव तांडव करते हैं। इससे इसलिए घर में भगवान शिव की मूर्ति नहीं होनी चाहिए।