Delhi High Court

नई दिल्ली: महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े दस्तावेजों को भारत की ‘‘सांस्कृतिक विरासत’’ का हिस्सा बताते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से पूछा कि वह सीआईसी के निर्देश के मुताबिक मामले की पूरी सूचना को किस तरीके से जुटाना और उसकी किस तरह से साज संभाल करना चाहता है। न्यायमूर्ति विभु बाखरू का यह सवाल गृह मंत्रालय की एक याचिका की सुनवाई करते हुए आया जिसमें मंत्रालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के एक आदेश को चुनौती दी थी।

सीआईसी ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया था कि एक आरटीआई याचिकाकर्ता को पुलिस जांच के मूल दस्तावेजों के साथ ही केस डायरी और अंतिम आरोपपत्र मुहैया कराया जाए। सीआईसी ने दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिया था कि तीन भगोड़े गंगाधर दहवाते, सूर्य देव शर्मा और गंगाधर यादव की गिरफ्तारी के लिए किए गए प्रयासों की भी सूचना दें। गृह मंत्रालय ने अदालत से कहा था कि मंत्रालय वह प्राधिकार नहीं है जिसके पास सारी सूचनाएं हैं और संभवत: यह संस्कृति मंत्रालय, राष्ट्रीय अभिलेखागार या दिल्ली पुलिस के पास होगा। इसने यह भी अदालत से कहा कि संस्कृति मंत्रालय मामले से जुड़ी सूचनाओं के एकत्रित करने और संरक्षण करने पर काम कर रहा है क्योंकि सीआईसी ने उसे भी निर्देश दिया था। अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 12 फरवरी तय की है।

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