नई दिल्ली: बजट सत्र के पहले दिन पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट लोकसभा में पेश की. यह रिपोर्ट देश की आर्थिक स्थिति की वर्तमान स्थिति और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से मिलने वाले परिणामों को दर्शाती है. आर्थिक सर्वे के मुताबिक, टैक्‍स भरने वालों की तादाद बढ़ी है और बचत से ज्‍यादा निवेश जरूरी है. 2017-18 में विकास दर 7-7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 में 7-7.5 प्रतिशत रहेगी आर्थिक वृद्धि दर (GDP), कच्चा तेल की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी, बैंकों के पुनर्पूंजीकरण, एफडीआई नियमों में ढील और ऊंचे निर्यात की वजह से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी है. वित्त वर्ष 2017-18 में सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. 2016-17 में यह 6.6 प्रतिशत रही थी.

रिपोर्ट के अनुसार, माल एवं सेवा कर के आंकड़ों के प्राथमिक विश्लेषण के अनुसार अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या 50 प्रतिशत बढ़ी है. अपीलीय एवं न्यायिक क्षेत्रों में विलंब, देरी और रूकावट को दूर करने की जरूरत है.