तांबा पानी

हमारे देश में ऐसी कई चीज़ें होती हैं, जिनके पीछे की वजह के बारे में हम नहीं जानते हैं। कुछ चीज़ें हम दूसरों की देखा-देखी करने लगते हैं। आज ऐसे ही एक रिवाज या प्रथा की बात करेंगे, जिसका कारण शायद आपको भी नहीं पता होगा।

इंसान ऐसी बहुत सी चीजें करता है, जिसकी वजह तो जरूर होती है, लेकिन उससे वो अनजान होता है। हमारे देश में बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं, जिनके पीछे की वजह तो हम नहीं जानते लेकिन दूसरों की देखा-देखी जरूर करने लगते हैं। उन्हीं चीजों में से एक है नदी, तालाब या पोखर में सिक्के डालना।

नदियों में सिक्के फेंकने की प्रथा :
राह चलते नदियों में लोगों को पैसे फेंकते न सिर्फ आपने देखा होगा, बल्कि खुद भी किया होगा। आज भी जब लोग किसी पवित्र नदी या फिर नदियों के ऊपर बने ब्रिज से गुजरते हैं, तो अपने पॉकेट से सिक्का निकाल कर फेंक देते हैं। लेकिन सवाल ये है कि आखिर हम नदियों में सिक्का क्यों फेंकते हैं? क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है, नदी में सिक्के फेंकने की वजह क्या है?

कुछ लोग इसे महज सिर्फ मान्यता भर और अंधविश्वास समझते हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। हालांकि, ये बात भी सही है कि जब भी कोई गंगा या फिर किसी अन्य नदी से होकर गुजरता है, तो भगवान का नाम लेकर उसमें सिक्के जरूर फेंकता हैं।

तांबा पानी को शुद्ध करता है :
यही वजह है कि लोग जब नदी और तालाब के पास से गुजरते थे, तो नदियों में तांबे के सिक्के फेंक देते थे। यही धीरे-धीरे एक प्रथा की तरह बन गई और आज भी लोग इसे मान्यता के रूप में मानते हैं। हालांकि, उस वक्त लोग तांबे का सिक्का फेंका करते थे, लेकिन आज स्टील के सिक्के फेंका करते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्योतिष में भी इस बात का जिक्र है कि जल में सिक्के डालने से ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही बहते पानी में चांदी का सिक्का डालने से अशुध शुद्र दोष खत्म हो जाता है। यही वजह है कि लोग आज भी जब नदियों के पास से गुजरते हैं, तो उसमें सिक्के फेंक देते हैं।