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नई दिल्लीः हैदराबाद हाऊस में बैठक के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्वाइंट प्रैस कॉन्फैंस की। इस दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच समझौते की फाइलों का आदान-प्रदान हुआ। इससे पूर्व राष्ट्रपति भवन में मैक्रों को गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिगित मैरी क्लाउड मैक्रों का राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया।

दिल्ली और पेरिस के संबंधों ऐतिहासिक
मैक्रों दिल्ली और पेरिस के संबंधों को ऐतिहासिक करार देते हुए आज कहा कि उनकी यात्रा से दोनों देशों के बीच खास कर, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में आपसी सहभागिता के एक नए युग की शुरुआत होगी। मैक्रों ने राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत समारोह के दौरान कहा कि मैं भारत आकर बहुत खुश हूं और स्वयं को गौरवाविंत महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मोदी ने गत वर्ष जुलाई में अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान मुझे अपने देश आने का न्यौता दिया था। मेरा इरादा दोनों देशों के बीच खास कर, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में सहभागिता का एक नये युग की शुरूआत करने का है।

राजघाट में बापू को दी श्रद्धांजलि

मैक्रों सुबह राजघाट गए और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनकी पत्नी ब्रिगित मैरी क्लाउड भी साथ रहीं। राजघाट पर बापू को नमन करने के बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की।

ये हो सकते हैं समझौते

उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों, खासकर समुद्री सुरक्षा तथा आतंकवाद से निपटने के क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत बनाने पर विशेष रूप से गौर करेंगे।
इस दौरान फ्रांस के सहयोग से बन रहे जैतापुर (महाराष्ट्र) परमाणु बिजली संयंत्र को लेकर भी समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद है।
संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) के नागराज नायडू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘फ्रांस विशेष रूप से दक्षिण एशिया में आतंकवाद को लेकर भारत के नजरिये का समर्थन करता है। हम नए क्षेत्रों खासकर समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक उपाय तथा अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में दोनों की बढ़ती सहमति देख रहे हैं।’’
इसके अलावा भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक भागीदारी में रक्षा, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग का मामला शामिल हैं।
‘‘अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच एक परिपक्व गठजोड़ है और हम इसे नए स्तर ले जाना पसंद करेंगे।’’ भारत और फ्रांस के बीच अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग पांच दशक से भी पुराना है। परंपरागत क्षेत्रों के अलावा अक्षय ऊर्जा, उच्च गति वाली ट्रेन और व्यापार में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर होगा।

विद्यार्थियों के साथ खुली चर्चा में शामिल होंगे मैक्रोन

मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद मैक्रोन विद्यार्थियों के साथ एक खुली चर्चा में शामिल होंगे। इसमें विभिन्न स्तर के करीब 300 छात्रों के भाग लेने की उम्मीद है। मैक्रोन ‘ज्ञान सम्मेलन ’ में भी भाग लेंगे। इसमें दोनों पक्षों के 200 से अधिक शिक्षाविद शामिल होंगे।
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इसके अलावा राष्ट्रपति मैक्रोन अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। आईएसए भारत और फ्रांस की संयुक्त पहल का परिणाम है। आईएसए शिखर सम्मेलन में कई देशों एवं सरकार के प्रमुखों के शामिल होने की संभावना हैं इसमें ठोस परियोजनाओं पर जोर दिए जाने की संभावना है। वे ताज के दीदीर भी करने जाएंगे। राष्ट्रपति मैक्रोन 12 मार्च को वाराणसी भी जाएंगे। वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का लोकसभा क्षेत्र है। प्रधानमंत्री के साथ मैक्रोन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में सौर संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। मैक्रो चार दिन की यात्रा पर कल देर रात यहां पहुंचे। पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर उनका स्वागत करने के लिए खुद हवाई अड्डे पहुंचे।