गोरखपुर में हुए मनीष गुप्ता हत्याकांड का छठवां आरोपी दरोगा विजय यादव को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है। वह एक लाख रुपये का इनामी दरोगा था। उसे गोरखपुर के रेल म्यूजियम के पास से पकड़ा गया है। पुलिस ने हत्यारोपी दरोगा को एसआईटी के हवाले कर दिया है।

एसआईटी अब उससे रामगढ़ताल थाने पर पूछताछ कर रही है। वह इस केस का आखिरी आरोपी था। बाकी पांच आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। मनीष गुप्ता हत्याकांड में रामगढ़ताल थाने में तैनात इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दरोगा अक्षय मिश्रा, दरोगा राहुल दुबे, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव, आरक्षी प्रशांत कुमार और दरोगा विजय यादव को आरोपी बनाया गया है।

ये है पूरा मामला…
कानपुर के बर्रा निवासी कारोबारी मनीष गुप्ता 27 सितंबर की सुबह आठ बजे गोरखपुर अपने दो दोस्तों हरवीर व प्रदीप के साथ घूमने आए थे। तीनों तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नंबर 512 में ठहरे थे। 27 सितंबर की रात ही रामगढ़ताल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, फलमंडी चौकी प्रभारी रहे अक्षय मिश्रा सहित छह पुलिस वाले आधी रात के बाद होटल में चेकिंग को पहुंच गए थे। कमरे की तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया।

आरोप है कि पुलिस वालों ने उनकी पिटाई कर दी थी जिससे उनकी मौत हो गई थी। शुरुआत में पुलिस की ओर से नशे में गिरने से मौत बताया था मगर बाद में हत्या का केस दर्ज किया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीष के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले। मनीष की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर पुलिस ने तीन नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया, तब जाकर परिवार के लोग शव लेकर कानपुर रवाना हुए थे।