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केंद्रीय कर्मियों को वेतन वृद्धि के लिए अब ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। केंद्र सरकार जल्द ही प्राइवेट सेक्टर की तर्ज पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन को हर साल बढ़ायेगी।

इसके लिए जल्द ही एक कमिटी की गठन को लेकर विचार किया जा रहा है। इसके लिए बकायदा एक पैरामीटर तैयार किया जाएगा। अब वेतन आयोग गठित नहीं किया जाएगा। सरकार सबसे पहले एक महंगाई बास्केट बनाएगी। इसमें खाद्य वस्तुओं से लेकर हर चीज से संबधित महंगाई दर की लिस्ट तैयार की जाएगी। सातवां वेतन आयोग अपनी तरह का अंतिम वेतन आयोग होगा। सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल से इसे लागू किया जायेगा।

केंद्र सरकार महंगाई से जुड़े आंकड़ों और प्राइस इंडेक्‍स के आधार पर सैलरी की समीक्षा करेगी। इसके तहत कमोडिटी कीमतों में बदलाव पर विचार किया जाएगा। सातवें वेतन आयोग के प्रमुख जस्टिस एके माथुर ने बताया कि सरकार को हर दस साल में वेतन आयोग का गठन कर वेतन बढ़ोतरी नहीं करनी चाहिए।

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी इस बारे में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मंत्रालय ने इस बारे में राज्य सरकारों से राय मांगी है। सरकार निजी कम्पनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को दोगुना करने पर भी कानून लाने जा रही है। इससे इन कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को दोगुनी हो सकती है।